
जन एक्सप्रेस हरिद्वार: हरिद्वार स्थित आम्रकुंज के बीच बसा देवसंस्कृति विश्वविद्यालय नित नवीन पाठ्यक्रम एवं गतिविधियों से वैश्विक स्तर पर एक विशिष्ट पहचान बना चुका है। इसी कारण विदेशी मेहमान एवं विशिष्ट अतिथि समय समय में देसंविवि पहुंचते हैं और यहाँ योग और भारतीय संस्कृति से लेकर नैतिक मूल्य परक शिक्षा आदि का अध्ययन करते हैं। इसी कड़ी में बेलारूस से प्रतिष्ठित शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक प्रतिनिधिमंडल देव संस्कृति विश्वविद्यालय पहुंचा। प्रतिनिधि मण्डल ने विवि के प्रतिकुलपति युवा आइकॉन डॉ चिन्मय पण्ड्या से भेंट की। प्रतिकुलपति ने विदेशी मेहमानों के साथ प्रेरक संवाद करते हुए चेतना-आधारित शिक्षा प्रणाली, वैश्विक सद्भाव की आवश्यकता और आध्यात्मिक रूप से विकसित समाज की दिशा में युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के विचारों तथा वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा की जन्मशताब्दी समारोह पर विस्तृत जानकारी दी। उनके विचारों ने अतिथियों को अत्यंत प्रभावित किया।विवि के प्रतिनिधि डॉ ज्ञानेश्वर मिश्र ने बताया कि बेलारूस से एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक प्रतिनिधिमंडल ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय पहुंचा। इस दौरान अतिथियों ने विश्वविद्यालय में संचालित मूल्य-आधारित शिक्षा, वैज्ञानिक आध्यात्मिकता, योग और भारतीय संस्कृति अध्ययन के अनूठे समन्वय को निकट से समझते हुए गहरी सराहना व्यक्त की। उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय परिसर, प्रयोगशालाओं, योग एवं ध्यान केंद्रों तथा विभिन्न संकायों का भ्रमण किया। विश्वविद्यालय की ओर से उन्हें पाठ्यक्रमों, विवि में हो रहे विभिन्न शोधों सहित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी गई। मेहमानों ने शांतिपूर्ण और सृजनात्मक शिक्षण वातावरण, दैनिक जीवन में योग और ध्यान के प्रभावी समावेश तथा विश्वविद्यालय एवं शांतिकुंज द्वारा समाज-परिवर्तन के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए इसे एक प्रेरणादायक अनुभव बताया। मेहमानों ने कहा कि इससे भारत और बेलारूस के बीच शैक्षणिक और सांस्कृतिक सहयोग के नए आयाम खुलने का दरवाजा खुला।






