जन एक्सप्रेस संवाददाता
कानपुर नगर। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय मौन बोर्ड द्वारा सीएसएयू के कीट विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. वाई. पी. मलिक को वैज्ञानिक मौन पालन हेतु संगोष्ठी एवं प्रशिक्षण का आयोजन तथा मधुमक्खियों के अनुकूल पौधों का रोपण एवं संवर्धन विषय पर परियोजना का संचालन किए जाने की स्वीकृति मिलने के बाद यह योजना विश्वविद्यालय के सभी जनपदों में संचालित होने जा रही है। डॉ. मलिक ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह और डॉ. राम सिंह उमराव के नेतृत्व में चलने वाली योजना के लिए बोर्ड से अभी 3 माह के लिए 9 लाख 6 हजार रुपए स्वीकृत किए गए हैं । इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषकों को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी आय को बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन कम खर्चीला और घरेलू उद्योग होने के साथ ही आय, रोजगार, कृषि और बागवानी उत्पादन बढ़ाने तथा वातावरण को शुद्ध बनाने की क्षमता रखता है। आजकल मधुमक्खी पालन कम लागत वाला कुटीर उद्योग है जो विश्वविद्यालय कार्य क्षेत्र के ग्रामीण, भूमिहीन, बेरोजगार तथा कोविड-19 के कारण अपने घरों को वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों के लिए यह एक आमदनी का अच्छा स्रोत होगा। इस परियोजना के स्वीकृत होने पर कुलपति डॉक्टर डी.आर. सिंह ने डॉ. मलिक को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।