कांग्रेसी नेताओं की नाराजगी के बीच भूपेंद्र हुड्डा ने बताई वजह
कांग्रेस में कभी खास पहचान रखने वाले गुलाम नबी आजाद आज पार्टी के लिए सबसे बड़े दुश्मन हो चुके हैं। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आजाद से मुलाकात क्या की, कांग्रेस में कोहराम मच गया। पार्टी के नेताओं ने हुड्डा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कुमारी सैलजा ने तो उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर डाली है। अब इस मामले में हुड्डा ने खुद सामने आकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आजाद का कांग्रेस के साथ पांच दशक से ज्यादा साथ रहा है। वो हमारे पुराने साथी रहे हैं। हुड्डा ने वो वजह भी बताई, जिसके कारण उन्होंने आजाद से मुलाकात की।
हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा, ‘जहां तक गुलाम नबी आजाद से मिलने की बात है, हम इतने सालों से एक ही पार्टी में हैं, एक ही परिवार में हैं। हमारी कुछ मांगें थीं और उन्हें मान लिया गया। कांग्रेस अध्यक्ष ने हमारी सभी मांगों को मान लिया है। पार्टी में चुनाव हो रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने (आजाद) पार्टी को छोड़ने का फैसला किया। हमने उससे पूछा कि वह क्यों चले गए? हमने उनसे कहा कि पहले, दुश्मनी जैसी कोई बात नहीं थी।”
इंडिया टुडे से बातचीत में हुड्डा ने कहा, “उन्होंने अभी पार्टी छोड़ी है। उन्होंने हमसे बात भी नहीं की।” हुड्डा की टिप्पणी हरियाणा की पूर्व कांग्रेस प्रमुख कुमारी सैलजा द्वारा पार्टी के राज्य प्रभारी विवेक बंसल को पत्र लिखने के कुछ घंटों बाद आई है। जिसमें हुड्डा का आजाद से मिलना गलत बताकर कारण बताओ नोटिस जारी करने की मांग की गई है। कुमारी सैलजा ने कहा कि इससे कांग्रेसी कार्यकर्ता निराश हुए हैं।
सैलजा के दावों को खारिज करते हुए हुड्डा ने कहा, “कई बार लोग निराशा और स्वार्थ के कारण बातें कहते हैं। जहां तक मेरा सवाल है, जब नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे और सोनिया जी अमेठी गईं, तब भी मैं गांधी परिवार के साथ था और अब भी हूं।