जन एक्सप्रेस से विनीत सिन्हा की विशेष रिपोर्ट
कानपुर नगर। कोरोना की दूसरी लहर ने देश में कोहराम मचा रखा है। कोरोना पूरे देश वीभत्स घटना को अंजाम दे रहा है। जो अकल्पनीय है। कई मासूमों की जान चली गई। आंकड़े चौकाने वाले हैं। इतनी ज्यादा केसों की संख्या से स्वास्थ्य विभाग सकते में है। सीएमओ रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को 2340 नये संक्रमित केस और 11 की लोगों की मौत की पुष्टि हुई। 2393 की होम आइसोलेशन पूर्ण हुये। जब की मंगलवार को 4 अन्य रोगियों की मृत्य की उपडेट सर्वर पर देरी से उपलोड हुई। अब तक शहर ने 66767 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं और 1134 लोगों की जान जा चुकी है।
मृतकों में कल्याणपुर निवासी 56 वर्षीय पुरुष, लाल बंगला निवासी 55 वर्षीय पुरुष, खागा निवासी 42 वर्षीय पुरुष, नानकारी निवासी 43 वर्षीय पुरुष, इंद्रा नगर निवासी 75 वर्षीय महिला, रावतपुर निवासी 50 वर्षीय महिला, जूही निवासी 65 वर्षीय पुरुष, आबू नगर निवासी 65 वर्षीय महिला, काकादेव निवासी 71 वर्षीय महिला, बर्रा निवासी 70 वर्षीय पुरुष, काकादेव निवासी 70 वर्षीय पुरुष की मृत्यु क्रमश: 08 रोगियों की एलएलआर चिकित्सालय में 02 रोगी की रामा चिकित्सालय में तथा 01 रोगी की द्विवेदी चिकित्सालय में उपचार के दौरान हुयी।
यहां सर्वाधिक केस
शास्त्री नगर, घाटामपुर, गोपालपुर, दबौली, शारदा नगर, विजय नगर, मथुरी मोहाल, लखनपुर, बिल्हौर, आईआईटी, हरजिंदर नगर, रंजीत नगर, सर्किट हाउस, राजपुरवा, हरिपुरवा, बारादेवी, कल्याणपुर, जाजमऊ, अर्मापुर, आरके नगर, नवीन नगर, बर्रा, जनरलगंज, केशव नगर, रामादेवी, परमपुरवा, लाल बंगला, पनकी, विष्णुपुरी, सर्वोदय नहीं, विनायकपुर, तिवारीपुर, ग्वालटोली, तेजबमिल, मिर्जापुर, रत्न लाल नगर, काकादेव, विकास नगर, गुजैनी, काहुकोठी, दबौली, एडीऑफिस, ओम पुरवा, मोती विहार, चकेरी आदि कानपुर नगर क्षेत्र से हैं। वैश्विक महामारी कोरोना में जो लोग संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं उन पर जरुरी नहीं है कि आक्सीजन की कमी हो गई है। ऐसे में चिकित्सक के परामर्श के बिना किसी भी मरीज को आक्सीजन देने से परहेज करना चाहिये। अपने से आक्सीजन लगाना मरीज के लिए अत्यंत खतरा साबित हो सकता है। इसके साथ ही वर्तमान में जो भय का वातावरण बना हुआ है उससे शहरवासी बाहर आएं और आक्सीजन की किसी भी प्रकार से कमी नहीं है। जिस मरीज को जितनी आवश्यकता होगी उनको चिकित्सक पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन देकर उनका बेहतर इलाज करेंगे। यह बातें बुधवार को मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डा. अनिल कुमार मिश्र ने कही।
सीएमओ ने बताया कि चाहे कोविड मरीज हो या सामान्य मरीज उनको आक्सीजन की क्या जरुरत है कितनी मात्रा में दिया जाना है बिना चिकित्सा परामर्श के आक्सीजन नहीं दिया जाना चाहिये। सबसे बड़ी बात यह है कि हर व्यक्ति को आक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती, चाहे वह कोविड पॉजिटिव ही क्यों न हो। यहां तक कि अगर किसी को हल्की सी सांस लेने में परेशानी हो रही है उसको भी पहले डाक्टर को दिखाएं तभी आक्सीजन देना उचित है। यदि ओवर आक्सीजन दे दिया या सेचुएशन के अनुसार लेवल 98 ले जाया गया तो आक्सीजन टॉक्सीडिटी का खतरा रहता है। अपने से आक्सीजन न लगायें जो कहीं से सिलेंडर पा जा रहे हैं उसकी क्वालिटी क्या है कहां से भराया गया है। इन सभी बातों का अत्याधिक महत्व है। अपने से आक्सीजन लगाने में अत्यन्त खतरा होता है। आक्सीजन की कमी की जो अफवाहें चल रही हैं वह पूरी तरह से निराधार हैं। आक्सीजन की सप्लाई जिला प्रशासन की देखरेख में हो रही है और जिलाधिकारी आलोक तिवारी, मंडलायुक्त डा. राजशेखर सहित औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना आक्सीजन सप्लायरों के साथ कई दौर की वार्ता कर चुके हैं। ऐसे में शहरवासी अपने मन में जो भय व्याप्त किये हैं कि आक्सीजन की कमी हैं उससे बाहर आयें और स्वस्थ्य मन से एक—दूसरे को मनोवैज्ञानिक ताकत दें, ताकि इस महामारी से मिलकर लड़ा जा सके।