मंदिरों तथा घरों में श्रद्धालुओं ने किया कन्या पूजन के बाद पूर्णाहुति हवन
बलरामपुर। जनपद बलरामपुर के अधिकांश क्षेत्रों में बसंतीय नवरात्र बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है । चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक नवरात्र का पर्व मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है । श्रद्धालुओं नवरात्र व्रत प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी के दिन कन्या पूजन के उपरांत पूर्णाहुति करके समाप्त करते हैं । बुधवार को जिले के अधिकांश भागों में मंदिरों तथा घरों में श्रद्धालुओं ने कन्या पूजन किया तथा पूर्णाहुति के उपरांत नवरात्र व्रत का समापन किया । हालाकी कुछ लोग गुरुवार को व्रत का समापन करेंगे ।
जानकारी के अनुसार जिले भर में 13 अप्रैल से नवरात्र व्रत की धूम चारों तरफ दिखाई दीदे । कोरोना महामारी के चलते लोग अधिकांश पूजन अपने घरों में रहकर भी संपन्न कराए। मंदिरों में भी लोग कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए दर्शन पूजन करने के लिए लगातार जाते दिखाई दिए । नवरात्रि व्रत का समापन बुधवार को कन्या पूजन के उपरांत पूर्णाहुति के बाद किया गया। मान्यता है कि नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की अलग-अलग दिनों में पूजा की जाती है । पहले दिन मां शैलपुत्री रुप की पूजा होती है, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा की जाती है, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा के रूप की पूजा होती है जबकि चौथे दिन कुष्मांडा रूप की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता तथा छठे दिन कात्यायनी रुप की पूजा होती है। सातवें दिन कालरात्रि रूप की पूजा श्रद्धालु करते हैं। वहीं आठवें दिन महागौरी की पूजा धूमधाम से की जाती है । नवरात्र के अंतिम तथा नौवें दिन मां के सिद्धिदात्री रूप की पूजा करके श्रद्धालु कन्या पूजन करते हैं तथा नवरात्र व्रत का पूर्णाहुति के साथ समापन करते हैं । जिले भर के तमाम छोटे-बड़े मंदिरों में मंगलवार दुर्गा अष्टमी तथा बुधवार नवमी को कन्या पूजन के विशेष अनुष्ठान किए गए ।