जन एक्सप्रेस संवाददाता।
पलियाकलां खीरी। भारत नेपाल बॉर्डर पर इन दिनों भारी मात्रा में खाद की तस्करी की जा रही है इसका खुलासा तमाम प्रसारित हो रही खबरों और छुट पुट पकडे जाने के बाद से ही साफ हो जाता है कि बॉर्डर के करीब में बसे थारू गांव है जिनमें किस तरह के तस्करों ने अपना मकड़ जाल फैला रखा है और चंद रुपयों के लालच में भोले भाले बच्चे युवा व महिलाओं को तस्करी जैसे कार्य को अंजाम देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है यही नहीं जब कोई तस्करी के कामों को मना कर देता है तो विभाग के लोगों को तस्कर ही मुखबिरी कर खाने पीने की चीजों में ही फंसा दिया जाता है और तमाम क्षेत्र से पकड़ कर आए तस्करी के माल को दिखाकर गुडवर्क हासिल कर लिया जाता है यह मामला कई सालों से बॉर्डर पर चलता आ रहा है और किसी अधिकारी ने भी इन सब बातों को ध्यान न देते हुए कोई कार्यवाही नहीं की जबकि तस्करों की इतने बड़े बड़े लोगों में बैठक है की छोटे मोटे अधिकारी हाथ डालना अपनी नौकरी खतरे में डालना समझते हैं इसी वजह से भोले भाले लोग कब ऐसे अवैध कामों में सम्मिलित हो जाते हैं परिवार को भी पता नहीं चल पाता वही अगर जल्द ही उच्च अधिकारीयों ने ऐसे भोले भाले लोगों को बॉर्डर पर फैले मकड़जाल वाले तस्कर व अराजकतत्वों से नहीं बचाया तो वह दिन दूर नहीं जब बॉर्डर पर बसे गांव का हर युवा नौजवान महिलाएं ऐसे ही तस्कर माफिया और गुर्गों के मकड़ जाल में फंसकर भारत की सुरक्षा को तार तार करने पर उतारू हो जाए।
तस्कर अराजकतत्व इन गांवों को ज्यादातर लेते हैं उपयोग में
चंदन चौकी देवराही भूड बनकटी ढकिया बरिया कजरिया सेंडा बेड़ा घुसुकिया सूंडा बनगवां घोला सुमेर नगर कमलापुरी बसही खजुरिया कम्बोज नगर संपूर्णानगर सहित बाॅडर के थारु गांवो को बरगलाकर तस्कर अपना हथियार बना रहे है जो सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी दिन पर दिन खतरा बनते जा रहे हैं जल्द ही उच्च अधिकारियों ने संज्ञान नही लिया तो न जाने कौन-कौन से दिन देखने पड़ जाए वही बॉर्डर के पगडंडियां से दिन भर वाहनों पर प्रतिबंधित सामानों को लादकर आना जाना लगा रहता है अगर सुरक्षा की बात की जाए तो उनमें से कुछ तस्करो की इतनी पकड़ होती है कि सुरक्षा व्यवस्था रखने वाले भी बौने बन जाते हैं।