दिल्ली/एनसीआर

जामिया विवि के छात्र तान्हा के बारे में सूचना लीक मामला

नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस अमित शर्मा ने दिल्ली हिंसा मामले में आरोपित जामिया यूनिवर्सिटी के छात्र आसिफ इकबाल तान्हा के बारे में सूचनाएं लीक करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी।

इससे पहले जस्टिस अनूप जयराम ने इस मामले में खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था। 8 सितंबर, 2021 को सुनवाई के दौरान तान्हा ने कहा था कि जब वो हिरासत में था और उसकी जमानत याचिका लंबित थी और चार्जशीट भी दाखिल नहीं की गयी थी, तभी न्यूज चैनलों के प्राइम टाइम पर उसके डिस्क्लोजर स्टेटमेंट दिखाए जा रहे थे। इसलिए उसके बारे में सूचनाएं लीक करने की एकमात्र जिम्मेदार दिल्ली पुलिस है।

तान्हा की ओर से वकील विजय अग्रवाल ने अपनी दलील में कहा था कि जुलाई में जस्टिस विभू बाखरु के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में कोई प्रेस वक्तव्य जारी नहीं किया, लेकिन हम दिल्ली पुलिस और दूसरी एजेंसियों की ओर से सूचनाएं लीक करने पर आंखें नहीं मूंद सकते हैं।

अग्रवाल ने कहा था कि 18 अगस्त 2020 को जब तान्हा की जमानत याचिका लंबित थी तो उस दिन प्राइम टाइम पर न्यूज चैनल उसका डिस्क्लोजर स्टेटमेंट दिखा रहे थे। वो ये कह रहे थे कि तान्हा ने क्या-क्या कबूल किया। 18 अगस्त 2020 तक दिल्ली पुलिस ने कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की थी। ऐसे में सूचनाएं लीक करने के लिए केवल दिल्ली पुलिस जिम्मेदार है। अग्रवाल ने कहा था कि 19 अगस्त 2020 को उन्होंने डीसीपी से शिकायत की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा था कि हमें आश्चर्य है कि दिल्ली पुलिस इसकी जांच का विरोध क्यों कर रही है। वो भी तब जब उसकी खुद की चीजें गुम हुई हैं। दिल्ली पुलिस का रुख संदेह के घेरे में है।

कोर्ट ने 11 अगस्त 2021 को दिल्ली पुलिस को अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया था। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने पिछली 5 अगस्त को कोर्ट को बताया था कि उसने सूचना लीक करने के बारे में कई पत्रकारों से पूछताछ की है। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि पत्रकारों ने अपने स्रोत के बारे में कुछ बताने से इनकार कर दिया। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि जांच के दौरान जांच अधिकारी को ये पता नहीं चल सका कि जांच से संबंधित सूचनाएं मीडिया के पास कैसे पहुंची। तब कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि आप इस संबंध में जो भी कहना चाहते हैं वो लिखित में दाखिल करें। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि आप इसकी जांच करना चाहते हैं कि नहीं, ये भी बताएं।

पिछले 5 मार्च को हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि तान्हा के बारे में सूचनाएं लीक करने का मामला अब केवल आरोप नहीं है। मीडिया में छपने के बाद ये आरोप स्थापित हो चुके हैं। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि अगर वे चाहते हैं तो उनका पक्ष सुनने के लिए तैयार हैं। तब दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित महाजन ने कहा था कि सूचनाएं लीक करने का आरोप उनके ऊपर नहीं मढ़ा जा सकता है। उसके बाद कोर्ट ने आरोपित तान्हा को निर्देश दिया था कि वो अपने आरोप से संबंधित अतिरिक्त हलफनामा दायर करे।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक तान्हा स्टूडेंट इस्लामिक आर्गनाइजेशन का सदस्य है और शाहीन बाग के अबुल फजल एन्क्लेव में रहता है। वो जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी का अहम सदस्य है, जिसके जरिये नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा दिया गया था। दिल्ली

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