जन एक्सप्रेस संवाददाता
शुक्लागंज, उन्नाव। कई सालों से रविदास नगर के सामने गंगा का जलस्तर बढऩे पर तेजी से कटान होता चला आ रहा है। कटान में तट के किनारे बना एक मंदिर समेत कई मकान और किसानों की गई बीघे जमीन समा चुकी हैं। पिछले वर्ष कटान रोकने के लिये कानपुर सिंचाई विभाग ने गंगा की धारा मोडऩे के लिये बीच रेती में ड्रेजिंग का कार्य कराया था। इसके साथ ही रविदास नगर के सामने कटान रोकने के लिये कानपुर बैराज यांत्रिक खंड ने जिओ बैग लगाकर कटान रोकने की कवायद की थी। विभाग ने लगभग चार मीटर चैड़ा और चैबीस मीटर लंबे वाले दो दर्जन से अधिक जिओ बैग कटान प्रभावित क्षेत्रों में तीन लेयर में लगाये थे। जिसमें कार्यदायी संस्था का दावा था कि लगाये गये जिओ बैग चार से पांच साल तक मजबूत स्थित में बने रहेंगे लेकिन एक वर्ष के दौरान ही कटान में पानी की मार से कई जिओ बैग फट गये। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इस बार बाढ़ के समय एक बार फिर तट के किनारे रहने वाले वाशिंदों को कटान का दंश झेलना पड़ सकता है।