
जन एक्सप्रेस ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड कैबिनेट की सोमवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश हित से जुड़े 8 बड़े प्रस्तावों पर मुहर लगी। इस बैठक का सबसे बड़ा फैसला मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनवाड़ी केंद्रों में तब्दील करने को लेकर रहा। साथ ही, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर के पद पर 50% पदों में सीधा प्रमोशन देने की भी घोषणा की गई।देहरादून फ्रीज जोन में छोटे घरों और दुकानों के निर्माण कार्यों को भी बड़ी राहत दी गई है। अब वहां सीमित आकार की इमारतों को निर्माण की अनुमति मिल सकेगी। इसके अलावा राज्य सरकार ने तय किया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के निगमों को अपने शुद्ध लाभ का 15 प्रतिशत हिस्सा राज्य सरकार को देना अनिवार्य होगा।स्वास्थ्य कर्मियों के हित में सरकार ने यह भी निर्णय लिया कि किसी भी स्वास्थ्य कार्यकर्ता या पर्यवेक्षक को 5 साल की संतोषजनक सेवा के बाद एक बार अन्य जिले में तबादले का अधिकार मिलेगा, और पदोन्नति में स्थिरीकरण का भी लाभ एक बार मिलेगा।राजनीतिक दृष्टि से अहम फैसले में, राज्य स्थापना दिवस के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष दो दिवसीय विधानसभा सत्र आयोजित करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
कैबिनेट के 8 मुख्य फैसले एक नजर में:
1. मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनवाड़ी केंद्रों में बदला जाएगा।
2. सुपरवाइजर पदों पर 50% पद आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से पदोन्नति द्वारा भरे जाएंगे।
3. स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को 5 साल की सेवा के बाद एक बार तबादले का विकल्प मिलेगा।
4. पदोन्नति में स्थिरीकरण का लाभ सेवा काल में एक बार मिलेगा।
5. समान नागरिक संहिता के तहत विदेशी नागरिक पंजीकरण प्रमाण पत्र होगा वैध।
6. देहरादून फ्रीज जोन में छोटे निर्माण कार्यों को मिली अनुमति।
7. निगमों को अपने शुद्ध लाभ का 15% हिस्सा राज्य सरकार को देना होगा।
8. राज्य स्थापना की रजत जयंती पर दो दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र आयोजित होगा।






