लखनऊ में मायावती की रैली की तैयारियां पूरी, 9 अक्टूबर को कांशीराम स्मारक स्थल पर जुटेंगे लाखों कार्यकर्ता
कांशीराम पुण्यतिथि पर होगा शक्ति प्रदर्शन, पहली बार 3 घंटे मंच पर रहेंगी बसपा सुप्रीमो, मंच साझा करेंगे आनंद कुमार और आकाश आनंद

जन एक्सप्रेस लखनऊ:बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती 9 अक्टूबर को लखनऊ के कांशीराम स्मारक स्थल पर एक विशाल रैली को संबोधित करेंगी। यह रैली बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित की जा रही है, जिसे पार्टी शक्ति प्रदर्शन और संगठन की नई दिशा देने के तौर पर देख रही है।पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह रैली कई मायनों में खास होगी क्योंकि मायावती पहली बार करीब तीन घंटे तक मंच पर मौजूद रहेंगी, जो पार्टी के भीतर और बाहर एक नई राजनीतिक शैली के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
मंच पर दिखेगा बसपा का सामूहिक नेतृत्व, वरिष्ठ नेता और परिवार के सदस्य रहेंगे साथ
रैली के मंच पर मायावती के साथ 7 अन्य वरिष्ठ नेताओं की कुर्सियां लगाई जाएंगी। इनमें भाई आनंद कुमार, भतीजे आकाश आनंद, और सतीश चंद्र मिश्रा जैसे प्रमुख चेहरे शामिल होंगे।
यह मंच बसपा के सामूहिक नेतृत्व की ओर बढ़ते कदम और संगठन में नई पीढ़ी की भागीदारी का प्रतीक माना जा रहा है।
रैली के बाद चुनिंदा कार्यकर्ताओं से होगी विशेष बैठक
मायावती रैली के बाद चुने हुए कार्यकर्ताओं से अलग से बैठक करेंगी, जहां वे संगठन से जुड़ा फीडबैक लेंगी और आगामी रणनीति को लेकर संवाद करेंगी। यह पहली बार है जब मायावती इस तरह सीधे फीडबैक लेने जा रही हैं।
चारबाग स्टेशन पर पहली बार बसपा का सहायता शिविर, युवा कार्यकर्ताओं में दिखा जोश
बसपा ने रैली में आने वाले लाखों कार्यकर्ताओं की सुविधा के लिए लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर पहली बार “कार्यकर्ता सहायता शिविर” की स्थापना की है। इस शिविर में कार्यकर्ताओं को कार्यक्रम, स्थल, और रूट मैप की जानकारी दी जा रही है।आकाश आनंद की बढ़ती सक्रियता से बसपा के युवा वर्ग में नई ऊर्जा देखने को मिल रही है। सहायता शिविर में बड़ी संख्या में नवजवान कार्यकर्ता अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।
5 लाख से अधिक लोगों के जुटने की संभावना, तैयारियां अंतिम चरण में
पार्टी को उम्मीद है कि यह रैली ऐतिहासिक होगी, जिसमें 5 लाख से अधिक कार्यकर्ता शामिल होंगे। कांशीराम स्मारक स्थल पर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। सुरक्षा व्यवस्था, परिवहन सुविधा और कार्यकर्ताओं की आवाजाही को लेकर प्रशासन और संगठन दोनों स्तरों पर व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं।
मायावती के बदले अंदाज में रैली, बसपा की भविष्य की राजनीति के संकेत
यह रैली सिर्फ श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि 2026 की दिशा तय करने वाला राजनीतिक संदेश भी होगी — जहां मायावती का अनुभव और आकाश आनंद की युवा ऊर्जा साथ-साथ दिखाई देगी।






