उत्तराखंड

राष्ट्रीय वायु सुधार के लिए जनसहभागिता जरूरी : अनिता ममगांई

ऋषिकेश  । केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी)के तहत वर्ष 2026 तक वायुमंडल में प्रदूषणकारी कणों (पार्टिकुलेट मैटर या पीएम) के स्तर में 40 प्रतिशत तक कमी लाने का नया लक्ष्य तय किया है। अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने इससे पहले वर्ष 2024 तक वायुमंडल से इन कणों के प्रदूषण को 20 से 30 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा था।

नगर निगम सभागार में राष्ट्रीय वायु सुधार कार्यक्रम अंतर्गत ब्लू स्काई कार्यशाला का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि के रूप में महापौर अनिता ममगांई ने किया। उन्होंने ने कहा कि एक स्वच्छ वातावरण एक शांतिपूर्ण और स्वस्थ जीवन जीने के लिए बहुत आवश्यक है, लेकिन हमारी लापरवाही से पर्यावरण दिन प्रतिदिन दूषित होता जा रहा है। पर्यावरण को सहेजना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। पर्यावरण को बचाने के लिए खुद शुरुआत करनी होगी और अपने आसपास स्वच्छता रखनी होगी। अगर हर इंसान अपने आसपास की जगह को स्वच्छ बनाने लग जाए तो यह दुनिया गंदगी से मुक्त हो जाएगी, जिससे हमारा पर्यावरण भी संरक्षित होगा।

वायु प्रदूषण के गंभीर खतरे पर उन्होंने कहा कि पर्यावरण न सिर्फ हमें शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने में हमारी मदद करता है बल्कि मानसिक रूप से भी हमें शांति प्रदान करता है, जिससे मनुष्य जीवन काल की अवधि बढ़ जाती है इसलिए प्रत्येक मनुष्य पर्यावरण संरक्षण को अपना मिशन बनाए। ऐसा करके ही वायु प्रदूषण को भी नियंत्रित किया जा सकता है। कार्यशाला में पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से प्रशांत राय एवं दून विश्वविद्यालय से पर्यावरण सलाहकार डॉ विजय श्रीधर ने बताया कि किस प्रकार सहयोगी विभागों के साथ मिलकर हवा की गुणवत्ता में सुधार तथा पर्यावरण संरक्षण का कार्य किया जा सकता है।

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