
जन एक्सप्रेस पौड़ी गढ़वाल: रिपोर्ट : सुधांशु थपलियाल | 9 नवंबर को उत्तराखंड राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं।प्रदेश सरकार इस अवसर को रजत जयंती दिवस के रूप में बड़े धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रही है।
लेकिन प्रदेश की इन तैयारियों के बीच एक सवाल भी खड़ा है —क्या राज्य की विकास यात्रा का लाभ पहाड़ के हर कोने तक पहुंच पाया है?पौड़ी गढ़वाल जिले का दुग्गड़ा ब्लॉक इस सवाल का सटीक उदाहरण बनकर सामने आया है।
जहां आज भी ब्लॉक कार्यालय मोबाइल नेटवर्क से पूरी तरह कटा हुआ है।
ब्लॉक दफ्तर में नेटवर्क नहीं, काम ‘राम भरोसे’
दुग्गड़ा ब्लॉक में वर्षों से मोबाइल नेटवर्क की सुविधा नहीं है।इस कारण न तो अधिकारी समय पर उच्चाधिकारियों से संपर्क कर पाते हैंऔर न ही आम लोग आसानी से ब्लॉक स्तर पर अपने काम निपटा पाते हैं।हालांकि विभागीय कर्मचारी वाई-फाई के जरिए जरूरी काम करने की कोशिश करते हैं,लेकिन कई बार वाई-फाई सेवा भी ठप रहती है।
ऐसे में सरकारी कामकाज रुक जाना आम बात है।खंड विकास अधिकारी (BDO) विद्या दत्त रतूड़ी ने बताया —मोबाइल नेटवर्क हमारे लिए सबसे बड़ी समस्या बन गया है।कई बार आपात स्थिति में उच्च अधिकारियों से संपर्क करना भी मुश्किल हो जाता है।हमने इस क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाने की मांग कई बार उठाई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
‘डिजिटल इंडिया’ का नारा, लेकिन गांवों तक नहीं पहुंची सुविधा
राज्य सरकार जहां एक ओर स्थापना दिवस पर अपनी उपलब्धियों का बखान कर रही है, वहीं दूसरी ओर डिजिटल इंडिया का नारा आज भी कई गांवों के लिए सपना ही बना हुआ है।दुग्गड़ा जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में नेटवर्क न होने से न सिर्फ सरकारी काम प्रभावित होते हैं, बल्कि स्कूली बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई, बैंकिंग सेवाएं, और आपातकालीन संचार प्रणाली भी बुरी तरह प्रभावित होती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद अब तक कोई मोबाइल टावर नहीं लगाया गया। लोगों ने सरकार से अपील की है कि रजत जयंती जैसे मौके पर घोषणाओं के साथ-साथ जमीनी स्तर पर बुनियादी सुविधाओं की समीक्षा भी की जाए।






