जौनपुर में सनसनी पूर्व जिला युवा कल्याण अधिकारी की संदिग्ध मौत
हत्या की आशंका, जांच में जुटी पुलिस

जन एक्सप्रेस। जौनपुर: शांत माने जाने वाले जौनपुर शहर में शनिवार की सुबह एक बार फिर दिल दहलाने वाली वारदात ने सबको झकझोर दिया। लाइन बाजार थाना क्षेत्र के वाजिदपुर तिराहे के पास एक अज्ञात शव मिलने की सूचना पर जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो मृतक की पहचान होते ही अफसरों के होश उड़ गए।
शव किसी और का नहीं, बल्कि पूर्व जिला युवा कल्याण अधिकारी रामकृपाल यादव का था!
हत्या या हादसा? पुलिस के सामने खड़े हुए कई सवाल
रामकृपाल यादव की मौत ने पूरे प्रशासनिक महकमे को हिलाकर रख दिया है। प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है और हत्या की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। शव जिस हालत में बरामद हुआ, उसने कई अनसुलझे सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या रामकृपाल यादव की किसी से दुश्मनी थी?
क्या यह कोई पुरानी रंजिश का नतीजा है?
या फिर कोई सुनियोजित साजिश?
फोरेंसिक टीम जुटी जांच में, पोस्टमार्टम से खुलेगा राज!
पुलिस ने घटनास्थल की फोरेंसिक जांच शुरू कर दी है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो, शरीर पर कुछ संदिग्ध निशान भी पाए गए हैं, लेकिन स्पष्ट कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी।
“पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा,” — पुलिस अधीक्षक
कौन थे रामकृपाल यादव?
रामकृपाल यादव मूल रूप से खुटहन थाना क्षेत्र के मैरवां गांव के निवासी थे। सेवा-निवृत्ति के बाद वे शहर के सुंदर नगर कॉलोनी (पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास) में रह रहे थे। सादा जीवन जीने वाले, मिलनसार और प्रशासनिक छवि के अधिकारी माने जाते थे।
जौनपुर में बढ़ता अपराध, प्रशासन पर उठे सवाल
इस घटना ने जिले की कानून व्यवस्था पर एक बार फिर सवालिया निशान लगा दिया है। हाल के दिनों में जनपद में आपराधिक वारदातों में बढ़ोतरी देखने को मिली है:
खुलेआम फायरिंग
चोरी और लूट
अब, पूर्व अधिकारी की संदिग्ध मौत
क्या प्रशासन अपराधियों पर नकेल कसने में विफल हो रहा है?
क्या आम आदमी की सुरक्षा अब सिर्फ कागज़ों तक सीमित है?
मौके पर पहुंचे उच्चाधिकारी, कई पहलुओं से जांच शुरू
घटना की जानकारी मिलते ही सीओ सिटी, एसडीएम और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। कॉल डिटेल्स सीसीटीवी फुटेज और आसपास के लोगों से पूछताछ शुरू कर दी गई है।
एक अधिकारी ने बताया –
“हर ऐंगल से जांच की जा रही है। अगर यह हत्या है, तो आरोपी बहुत जल्द गिरफ्त में होगा।”
“एक पूर्व अधिकारी अगर शहर के बीचों-बीच संदिग्ध हालात में मारा जा सकता है, तो आम नागरिक कितने सुरक्षित हैं? सवाल सिर्फ मौत का नहीं, सिस्टम की कमजोरी का भी है!”





