चकबंदी में गड़बड़ी का आरोप, हर्रा गांव के ग्रामीणों का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन
ग्रामीणों ने लगाए चक कटौती, मनमानी पैमाइश और नामांतरण वादों की अनदेखी के आरोप

जन एक्सप्रेस चित्रकूट: चित्रकूट के हर्रा गांव के दर्जनों प्रभावित ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट परिसर में विरोध प्रदर्शन करते हुए जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन एसओसी को सौंपा। प्रदर्शन का नेतृत्व कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजनारायण ने किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि चकबंदी प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी करते हुए उनके चकों में संदर्भों के माध्यम से मनमाने परिवर्तन किए गए हैं, जिससे उन्हें खेती करने में भारी कठिनाई हो रही है।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि चकबंदी के दौरान पहले ही 5% की कटौती आकार पत्र 23 में की गई थी, और अब नए बंदोबस्त में फिर से 5% की अतिरिक्त कटौती कर दी गई है। इससे किसानों की भूमि लगातार घटती जा रही है। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि सहायक चकबंदी अधिकारी व कानूनगो द्वारा चकों की गलत पैमाइश की जा रही है, छोटे-छोटे चक बना दिए गए हैं, जिससे कई परिवारों की आजीविका संकट में है। ग्रामीणों ने धारा 52 के प्रस्ताव को तत्काल रोकने, पूरे मामले की जांच कराने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष पंकज मिश्र ने भी चकबंदी विभाग पर निशाना साधते हुए कहा कि “यह पूरा विभाग किसानों का शोषण करता है। अधिकारी और कर्मचारी बेवजह उन्हें परेशान करते हैं और ऐसी परिस्थितियाँ बना देते हैं कि किसान मानसिक रूप से टूट जाएं।” प्रदर्शन में रज्जू यादव, दिनेश यादव, बच्छराज यादव, राममूरत यादव, मुन्ना वर्मा, किशन प्रजापति, महिपाल यादव, रजौना यादव सहित कई ग्रामीण शामिल रहे।






