“हम डीएम से ही बात करेंगे!” — चित्रकूट नवोदय के छात्रों का फूटा गुस्सा, हॉस्टल में किया ताला बंद, परीक्षा का बहिष्कार
घटिया खाना, गंदा पानी और टूटी सुविधाओं से तंग छात्र बोले — बीमारियों से भर गया जीवन, अब नहीं सहेंगे अत्याचार!

जन एक्सप्रेस / चित्रकूट: मानिकपुर जिले के मानिकपुर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में शुक्रवार सुबह एक बड़ा छात्र आंदोलन देखने को मिला। छात्रों ने हॉस्टल के अंदर से ताला बंद कर लिया, नाश्ता करने से इनकार कर दिया और निर्धारित परीक्षा में भी भाग नहीं लिया। छात्र प्रशासन से बातचीत को भी तैयार नहीं थे — उनकी एक ही मांग थी: अब हम सिर्फ़ डीएम साहब से ही बात करेंगे!”
सुबह से बंद हॉस्टल, उबलता गुस्सा — बच्चों की बगावत से प्रशासन में मचा हड़कंप
सुबह जैसे ही स्कूल खुला, प्रशासन हैरान रह गया। छात्र पूरी तरह संगठित दिखे। ना कोई कक्षा में गया, ना नाश्ता किया और ना ही परीक्षा में शामिल हुआ। जब प्रिंसिपल और अन्य स्टाफ़ ने बात करने की कोशिश की, तो छात्रों ने स्पष्ट शब्दों में कहा:
अब कोई बातचीत नहीं, सिर्फ़ डीएम साहब से बात करेंगे।”
खाने में कीड़े, पानी में जहर!” — छात्रों की दर्दनाक शिकायतें
छात्रों ने बताया कि उनकी पढ़ाई से अधिक चिंता स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं की बदहाली को लेकर है। उनकी बातें सुनकर किसी का भी दिल दहल जाए:
यहां पर खाने का स्टॉक ही नहीं रहता। हरी सब्जी के नाम पर कुछ नहीं मिलता। जब शिकायत करते हैं तो हमें ही डांटकर भगा दिया जाता है।”
खाने में अक्सर कीड़े मिलते हैं। कई बार शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। बीपी मैडम से भी कहा, प्रिंसिपल साहब से तीन बार शिकायत की, पर सबने हाथ खड़े कर दिए — बोले ‘ऊपर से प्रेशर है’। तो अब क्या करें?”
छात्रों का कहना है कि लगातार खराब खाने और गंदे पानी के कारण बीमारियां बढ़ रही हैं। कुछ बच्चों को डायरिया, पेट दर्द, और स्किन इंफेक्शन जैसी शिकायतें रहती हैं।
प्रशासन पहुंचा मौके पर, मगर छात्रों की जिद — “डीएम को बुलाओ!”
स्थिति बिगड़ती देख विद्यालय प्रशासन ने जिला प्रशासन को सूचित किया। इसके बाद थाना अध्यक्ष मानिकपुर, एसडीएम, सीईओ मऊ, और एडीएम चित्रकूट मौके पर पहुंचे। लेकिन छात्र अड़े रहे:
अब सिर्फ़ डीएम साहब ही हमारी बात सुनें, बाकियों पर अब भरोसा नहीं है!”
ADM द्वारा बार-बार समझाने और आश्वासन देने के बाद छात्र बातचीत के लिए सामने आए और एक लंबी शिकायत सूची सौंप दी।
स्वच्छता अभियान सिर्फ़ पोस्टरों में, हकीकत में गंदगी का साम्राज्य”
छात्रों ने साफ़ कहा कि यहां स्वच्छता सिर्फ़ कागज़ों पर चल रही है। बाथरूम की टाइल्स टूटी हुई हैं, पानी टपकता है, और कई जगह बदबू से खड़ा होना मुश्किल है। हॉस्टल के कमरे भी गंदगी से भरे हैं।
कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं मिला। सिर्फ़ लीपापोती होती है।”
विद्यार्थी परिषद का तीखा हमला — “छात्रों का हक़ छीना तो संघर्ष होगा!”
छात्र आंदोलन की खबर मिलते ही विद्यार्थी परिषद के नेता तेज प्रताप चतुर्वेदी भी विद्यालय पहुंचे। उन्होंने कहा:
छात्रों को अगर अच्छा भोजन तक न मिले तो यह शिक्षा व्यवस्था पर एक बदनुमा दाग है। विद्यार्थी परिषद छात्रों के साथ है। यदि सुधार नहीं हुआ तो हम कल डीएम को ज्ञापन सौंपेंगे और ज़ोरदार आंदोलन करेंगे।”
छात्रों की प्रमुख मांगें
पोषणयुक्त और ताज़ा भोजन की गारंटी , स्वच्छ पेयजल की सुविधा ,साफ़-सुथरे और मरम्मतशुदा शौचालय एवं बाथरूम ,हॉस्टल और किचन में नियमित साफ़-सफ़ाई ,शिकायतों के लिए पारदर्शी और कार्यशील तंत्र
,डिसिप्लिन के नाम पर बच्चों को डांटना या दबाना बंद हो अब सबकी निगाहें डीएम पर अब छात्र, अभिभावक, प्रशासन और शिक्षा विभाग — सभी की निगाहें डीएम चित्रकूट पर टिकी हैं। सवाल ये है:
क्या बच्चों की पीड़ा सुनी जाएगी?
क्या विद्यालय प्रशासन पर सख्त कार्रवाई होगी?
और क्या देश के भविष्य कहे जाने वाले इन बच्चों को उनका हक़ मिलेगा?






