फ्री राशन में हो रहा जमकर नुकसान
आरएफसी गोदाम में धर्मकांटा और सस्ता गल्ला दुकानों में कांटा नहीं होने से राशन डीलरों तक प्रति बैग चार से पांच किलो कम राशन पहुंच रहा है। पहले से वेतन की समस्या झेल रहे राशन डीलरों पर इससे दोहरी मार पड़ रही है। साथ ही घटतौली का असर आम उपभोक्ताओं पर भी पड़ रहा है। सस्ता गल्ला दुकानों के लिए आरएफसी से राशन उपलब्ध कराया जाता है।
नियम के मुताबिक आरएफसी गोदाम से डीलर को बैग के वजन .50 किग्रा के साथ 50.50 किग्रा राशन बैग दिया जाता है, लेकिन डीलरों की शिकायत है कि दुकानों तक राशन पहुंचते-पहुंचते राशन के कट्टे का वजन 45 से 47 किग्रा तक रह जा रहा है। सरकार की डोर टू डोर स्टेप योजना भी घटतौली रोकने में कारगर साबित नहीं हो रही है। गोदामों में धर्मकांटा और गोदामों में कांटा नहीं होने से खाद्यान्न की तौल नहीं हो पा रही है।
विभाग गल्ला विक्रेताओं की समस्या को नहीं समझ रहा है। एक बैग में चार से पांच किलो राशन कम मिल रहा है। ऊपर से समय पर डिलीवरी नहीं हो पा रही है। इसके कारण कई सस्ता गल्ला विक्रेता दुकान छोड़ने को मजबूर हैं।
सस्ता गल्ला दुकानों को भेजे जा रहे खाद्यान्न में तीन-चार किलो का अंतर आ रहा है। सरकार की ओर से उन्हें कट्टे का लाभ दिया जाता है। .50 किग्रा कट्टे का वजन तो दूर, उल्टा उन्हें ही चार-पांच किलो का नुकसान झेलना पड़ रहा है।
मनोज कुमार, सस्ता गल्ला विक्रेता नवाबी रोड
हालात ऐसे हैं सस्ता गल्ला दुकानदारों के लिए नुकसान की भरपाई करनी मुश्किल है। दुकानदारों के लिए हर बैग को तौलना संभव नहीं हो पा रहा है।
कुंदन शर्मा, सस्ता गल्ला विक्रेता डहरिया
सस्ता गल्ला विक्रेताओं की समस्याएं उच्चाधिकारियों और सरकार तक पहुंचाई गई हैं। घटतौली राशन विक्रेताओं के लिए सबसे बड़ी समस्या है। इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ता है। कांटों को लगाना आवश्यक है।
रेवाधर बृजवासी, प्रदेश अध्यक्ष ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन
सरकार की ओर से सस्ता गल्ला विक्रेताओं को भाड़ा 25 से 35 रुपये दिया जाता था। डोर टू डोर स्टेप ठेकेदार को 47 रुपये प्रति कुंतल भाड़ा दिया जा रहा है। ऊपर से प्रति बैग 4 से 5 किलो की घटतौली का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
कृष्ण कुमार, प्रदेश मीडिया प्रभारी एवं सस्ता गल्ला विक्रेता बेड़ा पोखरा
गोदामों से भेजे गए कट्टों में चार-पांच किलो राशन कम निकलना संबंधित ठेकेदार की जिम्मेदारी है। विभाग की ओर से सभी गोदामों में कांटे लगाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।