“महाकुंभ 2025: आध्यात्म, संस्कृति और विकास का अद्भुत संगम”
जनएक्सप्रेस, प्रयागराज: योगी आदित्यनाथ सरकार ने 500 वर्षों के बाद इलाहाबाद का पौराणिक नाम प्रयागराज बहाल किया। 2019 में यहां भव्य कुंभ का आयोजन हुआ और अब 2025 के महाकुंभ की तैयारियों ने एक नई ऊंचाई हासिल कर ली है। कुंभ मेले के आयोजन के लिए प्रयागराज में कुंभ नगर की स्थापना की गई है, जिसमें 70 से अधिक गांव और मोहल्ले शामिल हैं। यह आयोजन भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्ध परंपराओं का प्रतीक है, जहां देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।
सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रस्तुतियां
महाकुंभ में इस बार सांस्कृतिक संध्याओं और आध्यात्मिक प्रस्तुतियों की विशेष तैयारी की गई है। गंगा पंडाल में महाभारत की गाथाएं, रामलीला, और शिव तांडव जैसी प्रस्तुतियां होंगी। बॉलीवुड और भोजपुरी कलाकार जैसे रवि किशन, हेमामालिनी, और आशुतोष राणा अपने अभिनय और कला से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक रस से सराबोर करेंगे। इसके अलावा कवि सम्मेलन और संगीत बैंड्स की प्रस्तुतियां भी कुंभ मेले का मुख्य आकर्षण होंगी।
महाकुंभ की तैयारियां और सुविधाएं
योगी सरकार ने महाकुंभ की भव्यता बढ़ाने के लिए कई स्थाई और अस्थाई निर्माण कार्य किए हैं। गंगा की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए गंगोत्री से प्रयागराज तक गंदे नालों को गंगा में गिरने से रोका गया है। मेले में केंद्रीय अस्पताल, खोया-पाया केंद्र, और इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम जैसी सुविधाएं स्थापित की गई हैं। स्वच्छता और सुरक्षा के लिए 2019 में स्थापित की गई विश्व स्तरीय व्यवस्थाओं को और उन्नत किया गया है।
ऐतिहासिक पहल और अंतरराष्ट्रीय पहचान
प्रयागराज कुंभ को यूनेस्को ने “मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर” का दर्जा दिया है। 2019 में, पहली बार प्रवासी भारतीय सम्मेलन के प्रतिनिधियों और 71 देशों के राजदूतों ने कुंभ स्नान किया। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अक्षय वट और सरस्वती कूप को श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु खोला। इसके अलावा महर्षि भारद्वाज और महर्षि वाल्मीकि जैसे ऋषियों के स्थलों का भी सौंदर्यीकरण किया गया।
आधुनिक विकास परियोजनाएं
प्रयागराज की कनेक्टिविटी सुधारने के लिए गंगा एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। यह 600 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज को जोड़ेगा, जिससे पश्चिमी यूपी का प्रयागराज से सीधा जुड़ाव होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंभ कलश पूजन के साथ 5,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इन प्रयासों ने प्रयागराज कुंभ को एक वैश्विक पहचान दी है।