
जन एक्सप्रेस, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में नेतृत्व संभालने के बाद चार वर्ष का सफल कार्यकाल पूरा कर लिया है। यह कार्यकाल कई मामलों में ऐतिहासिक रहा — चाहे वह राजनीतिक मिथक तोड़ने की बात हो या विकास और आपदा प्रबंधन में सक्रिय नेतृत्व की।धामी, राज्य के ऐसे पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं जिन्होंने भाजपा सरकार में सबसे लंबा कार्यकाल पूरा किया है। उन्होंने राज्य में पहली बार सत्तारूढ़ दल के दोबारा सत्ता में लौटने का मिथक भी तोड़ दिया।
राजनीतिक इतिहास में रचा गया नया अध्याय
उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से अब तक जितने भी विधानसभा चुनाव हुए, किसी भी सत्तारूढ़ दल को दोबारा जनादेश नहीं मिला था। लेकिन मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने पूर्ण बहुमत से विजय प्राप्त की। यह उपलब्धि खुद भाजपा हाईकमान ने धामी के नेतृत्व को समर्पित की और उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी।
मोदी के मार्गदर्शन में आगे बढ़ा उत्तराखंड
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को जमीन पर उतारने का प्रयास किया। केंद्र सरकार से मजबूत तालमेल बनाए रखते हुए उन्होंने प्रदेश के विकास कार्यों को गति दी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी समय-समय पर धामी सरकार की पीठ थपथपाई और योजनाओं के लिए हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई।
आपदा प्रबंधन और जनसरोकारों में रही सक्रियता
धामी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक रही सिलक्यारा टनल आपदा के दौरान मुख्यमंत्री की त्वरित सक्रियता और केंद्रीय एजेंसियों से समन्वय। इस प्रकरण में उनकी भूमिका की सर्वत्र सराहना हुई। इसके अलावा, प्रदेश में आयोजित राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन ने उत्तराखंड की छवि को राष्ट्रीय मंच पर मजबूत किया और खेल अवसंरचना में एक नई ऊर्जा का संचार किया।
प्रदेशव्यापी पहुंच, जनहित के फैसले
मुख्यमंत्री धामी ने अपने कार्यकाल में प्रदेश के हर कोने तक पहुंचने का प्रयास किया और जनहित से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। रोजगार, पर्यटन, महिला सशक्तिकरण और धार्मिक पर्यटन जैसे क्षेत्रों में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
भविष्य की ओर बढ़ते कदम
धामी सरकार ने अब विकास की नई योजनाओं की रूपरेखा तैयार कर दी है। आने वाले समय में राज्य में निवेश, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे को और मजबूती देने पर जोर रहेगा।






