उत्तर प्रदेश

काशी में गंगा का जलस्तर बढ़ा, आरती स्थल लहरों में समाया

वाराणसी । पहाड़ों पर लगातार बारिश से गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। गंगा की लहरों में दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती स्थल भी डूब गया है। गंगा सीढ़ियों को अपने आगोश में लेने के बाद तेजी से उपर चढ़ने लगी हैं। गंगा की लहरों में बढ़ाव का रुख देख गंगा आरती अब उंची सीढ़ियों पर होगी। मणिकर्णिका घाट स्थित रत्नेश्वर महादेव मंदिर, प्रयागघाट स्थित रुक्मिणी मंदिर, ललिता घाट पर बनी जेटी भी लहरों में समा गई है।

सोमवार को गंगा का जलस्तर 61.79 मीटर रिकार्ड पर पहुंच गया। हालांकि अभी जलस्तर चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर से काफी नीचे है। इसके बावजूद गंगा किनारे घाट पर तीर्थ पुरोहित और पंडे अपनी चौकियां उपर की सीढ़ियों पर लगाने लगे हैं। रविवार को गंगा के जलस्तर में 36 घंटों से 10 सेमी प्रति घंटा की दर से वृद्धि दर्ज की गई। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शनिवार की सुबह गंगा का जलस्तर 58.87 मीटर था। 24 घंटे बाद रविवार सुबह आठ बजे तक 1.14 मीटर जलस्तर बढ़कर 60.1 मीटर पहुंच गया। सुबह आठ बजे के बाद जलस्तर के वृद्धि की रफ्तार कम हुई। जलस्तर 09 सेमी प्रति घंटा की गति से बढ़ रहा था।

जल पुलिस व एनडीआरएफ की टीम गंगा में नौका संचालन को लेकर सतर्क है। टीमें लगातार गंगा में गश्त कर रही हैं और नाविकों को सजग कर रही हैं। माना जा रहा है कि गंगा के जलस्तर में इसी तरह बढ़ाव होता रहा तो नौका संचालन पर रोक लग जाएगी। नावों पर क्षमता से अधिक सवारी न बैठाने और लाइफ जैकेट को लेकर भी माझी समाज को जागरूक किया जा रहा है। उधर, गंगा के जलस्तर में बढ़ाव से वरुणा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि आरंभ हो गई है। गंगा के पानी के पहले वरुणापार के सीवर का पानी भी नदी में गिर रहा है। वरुणा नदी का बड़ा हिस्सा जलकुम्भी से भी पट गया है। जलकुंभी से पटी वरुणा नदी का पानी कॉरिडोर के मुहाने पर पहुंच गया हैं।

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