उत्तर प्रदेशलखनऊ

ऑनलाइन गेम के 10 लाख के ग़म ने घर सुलगाया , बेटे ने मां रेनू की बेरहमी से हत्या की

एविएटर गेम का खेल बना दर्दनाक: 21 साल के निखिल ने माँ को मारकर लूट कर भागा

जन एक्सप्रेस लखनऊ:शहर के एक घरेलू कत्ल ने ऑनलाइन गेम‑लत और उधार के खौफ का भयानक चेहरा उजागर कर दिया। डेरी संचालक रमेश यादव की पत्नी रेनू (उम्र बताई नहीं) की 3 अक्तूबर को घर में बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने सोमवार को आरोपित उनके ही बेटे निखिल (21) को फतेहपुर के सुल्तानपुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया।पुलिस के अनुसार निखिल साल भर से प्रतिबंधित ऑनलाइन गेम एविएटर खेल रहा था। उसने बताया कि उसने उस गेम में करीब 10 लाख रुपये हार दिए थे तथा पिछले एक साल में कुल लगभग 50 लाख रुपये के लेन‑देनों (ट्रांजेक्शन) किए थे। गेम खेलने और सट्टेबाजी की हानि की भरपाई के लिए उसने कई मोबाइल एप्स से उधार भी लिया था। उधार देने वाले एपों के रिमाइंडर और शार्प‑इंटरेस्ट ने उसे मानसिक रूप से दबाव में रख दिया था। पुलिस ने बताया कि 3 अक्तूबर को निखिल अपनी मां को मायके से लेने गया। घर लौटकर अलमारी से जेवर चोरी करते समय रेनू ने उसे पकड़ लिया। पकड़े जाने के डर से निखिल ने पेचकस से उन पर ताबड़तोड़ वार किए और फिर पास रखे गैस सिलिंडर से रेनू के सिर पर प्रहार कर दिया। हत्या के बाद निखिल जेवर और पिता की बाइक लेकर घर से फरार हो गया।

निखिल ने क्या कहानी गढ़ी?

हत्या के बाद निखिल ने अपने मामा और मित्रों को फोन कर बताया कि घर में घुसे बदमाशों ने लूटपाट की और उसकी मां पर हमला हुआ — यह झूठी कहानी बना कर उसने सुराग भटका देने की कोशिश की। परिजनों के घर लौटने पर रेनू लहूलुहान पड़ी मिलीं और निखिल उस समय घर पर नहीं था।

गिरफ्तारी और पूछताछ

सीसीटीवी फुटेज और जांच के बाद पुलिस को पता चला कि निखिल चारबाग स्टेशन से त्रिवेणी एक्सप्रेस से भागा था। तीन दिवसीय तलासी के बाद उसे फतेहपुर‑सुल्तानपुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में आरोपी ने वारदात कबूल कर ली है। पुलिस ने निखिल के मामा और उसकी महिला मित्र से भी पूछताछ की — बताया गया कि निखिल ने गेम खेलने हेतु दोस्तों और महिला मित्र से भी पैसे लिए थे और पहले भी घर से जेवर चोरी कर चुका था।

पीड़ित परिवार की प्रतिक्रिया

पत्नी की निर्मम हत्या की सच्चाई सामने आने पर पिता रमेश चीख पड़े। उन्होंने माना कि यदि उन्हें पैसे की जरूरत होती तो वे उनके लिए मांगकर दे देते, और निखिल की इस क्रूरता पर उन्होंने आरोपी को फांसी की सजा मांगने की गुहार लगाई। रमेश ने पुलिस से कहा कि यदि आरोपित उन्हें सौंप दिया जाए तो वह स्वयं उसे प्रतिशोध में मार डालेंगे। डीसीपी (निपुण अग्रवाल) ने बताया कि केस की प्राथमिकी और सबूत जुटा लिए गए हैं और अग्रिम कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस कर्ज देने वाले एप्स और उनके ऑपरेटरों की भूमिका, धमकियों के दावों तथा निखिल के लेन‑देन के रिकार्ड की भी तफ्तीश कर रही है ताकि पूरी साजिश और दबाव के स्रोतों का पता चल सके।

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