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जन एक्सप्रेस /मानसी निर्मल /लखनऊ: 90 के दशक में बॉलीवुड में जलवे बिखरेने वाली एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने मोह-माया त्यागकर महाकुंभ में संन्यास लिया था। उन्हें किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया था, लेकिन अब उन्हें इस पद से हटाते हुए अखाड़े से भी निष्कासित कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि उनके सिर न मुंडाने पर ये एक्शन लिया गया है। आपको बता दें कि ममता को किन्नर अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद से ही विवाद जारी था। सवाल किए जा रहे थे कि एक स्त्री को इस अखाड़े का महामंडलेश्वर कैसे बनाया जा सकता है।
ममता के साथ साथ लक्ष्मी नारायण को भी पद से हटाया
अखाड़े के संस्थापक अजय दास ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर कार्रवाई की बात कही है और उनके साथ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर के पद से हटा दिया गया है। दोनों को अखाड़े से भी निष्कासित कर दिया गया है।लक्ष्मी नारायण को पद से हटाने का एक मुख्य कारण यह भी है कि उन्होंने देशद्रोह की आरोपी ममता को अखाड़े में शामिल किया था और उनकी जानकारी की बिना उन्हें महामंडलेश्वर बना दिया था। अजय दास ने ऐलान किया कि अब नए सिरे से किन्नर अखाड़े का गठन किया जाएगा और जल्द ही नए आचार्य महामंडलेश्वर का ऐलान होगा।
ममता ने किन्नर अखाडा ही क्यों चुना था
इसको लेकर ममता कुलकर्णी ने कहा था कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उनकी 23 साल की तपस्या को समझा था। उनकी परीक्षा ली गई थी , जिसमें वो उत्तीर्ण हो गई थीं और उन्हें महामंडलेश्वर बनने का न्यौता मिला था। उन्होंने ये भी कहा था कि वो बॉलीवुड में वापस नहीं जाएंगी और वो अब सनातन धर्म का प्रचार करेंगी।