
जन एक्सप्रेस | उधमसिंह नगर, उत्तराखंड: उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर में एक बड़ी कार्रवाई के तहत पुलिस ने नौकरी के बहाने नेपाल से लाए गए 32 नेपाली युवकों को बंधक स्थिति से सुरक्षित बाहर निकाला। इनमें से तीन नाबालिग भी शामिल हैं। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर मानव तस्करी व शोषण के गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
कैसे हुआ खुलासा?
नई दिल्ली स्थित नेपाल दूतावास के अधिकारी नवीन जोशी द्वारा दी गई सूचना के आधार पर एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने तत्काल एक विशेष टीम गठित की। काशीपुर के ओम विहार कॉलोनी में महाराज सिंह उर्फ पप्पू के मकान पर छापेमारी की गई, जहां 32 नेपाली युवक बंधक बनाए गए थे।
धोखाधड़ी और शोषण की कहानी
पूछताछ में युवकों ने बताया कि नेपाल के धनगढ़ी निवासी बीरेंद्र शाही ने उन्हें भारत में नौकरी का लालच देकर बुलाया था। उनसे 10,000 से 30,000 रुपये तक वसूले गए लेकिन कोई नौकरी नहीं दी गई।
बल्कि उन्हें जबरन ‘लीड विजन ट्रेडिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ के प्रोडक्ट बेचने को मजबूर किया गया, और ऐसा न करने पर मारपीट, गाली-गलौच व धमकी दी जाती थी।
तीन आरोपी गिरफ्त में
1. बीरेंद्र शाही (21), नेपाल निवासी
2. सचिन कुमार, गाजीपुर (उत्तर प्रदेश)
3. मनीष तिवारी, रुद्रपुर (उत्तराखंड)
इन पर BNS की धारा 127(4), 318(4), 317(2), 3(5) और किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।कंपनी का मुख्यालय दिल्ली, बड़ा रैकेट होने की आशंका गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वे दिल्ली के जनकपुरी स्थित लीड विजन कंपनी के लिए काम करते थे। उन्हें कंपनी के निदेशक चेतन हांडा और अन्य के निर्देश मिलते थे, लेकिन वे उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते।
पुलिस अब कंपनी से जुड़े अन्य नामों की जांच कर रही है।






