उत्तराखंडदेहरादून

मुख्यमंत्री आवास कूच में यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल समेत 200 समर्थक गिरफ्तार

विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा और कानून-व्यवस्था को लेकर देहरादून में प्रदर्शन हाथीबड़कला में पुलिस से तीखी झड़प, कई समर्थक बस के नीचे लेट गए

जन एक्सप्रेस, देहरादून। यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने सोमवार को देहरादून में विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा और प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था के विरोध में प्रदर्शन किया। उन्होंने सैकड़ों समर्थकों के साथ मुख्यमंत्री आवास कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें हाथीबड़कला क्षेत्र में रोक लिया। इसके बाद हुई हल्की धक्का-मुक्की और विरोध के दौरान विधायक सहित करीब 200 लोगों को हिरासत में लिया गया।डोभाल के साथ लगभग 900 समर्थक रेंजर्स ग्राउंड से परेड ग्राउंड होते हुए मुख्यमंत्री आवास की ओर पैदल मार्च कर रहे थे। प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस पहले से ही मुस्तैद थी। हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग कर भीड़ को रोका गया। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड पर चढ़ने की कोशिश की, जबकि कई समर्थक पुलिस की बसों के नीचे लेट गए।

विधायक के तीखे आरोप:

विधायक संजय डोभाल ने कहा कि यमुनोत्री क्षेत्र की लगातार उपेक्षा हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि, मैं निर्दलीय विधायक हूं, इसलिए सरकार मेरी विधानसभा की अनदेखी कर रही है। आपदा प्रबंधन से लेकर मूलभूत विकास कार्यों तक में भेदभाव किया जा रहा है।”उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है और लचर कानून-व्यवस्था को लेकर जनता में गहरी नाराजगी है।प्रदर्शन को देखते हुए राजधानी देहरादून में सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए थे।सीओ सदर कंडारी, सहसपुर थानाध्यक्ष शंकर सिंह बिष्ट, ऋषिकेश कोतवाली प्रभारी प्रदीप राणा, प्रेमनगर थानाध्यक्ष कुंदन राम सहित कई अधिकारी मौके पर तैनात रहे।पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पांच बसों में भरकर रेंजर्स ग्राउंड भेजा, जबकि विधायक को प्रोटोकॉल के तहत नेहरू कॉलोनी थाने के वाहन में रिजर्व पुलिस लाइन पहुंचाया गया।प्रदर्शन में बड़कोट नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल, अजविन पंवार, कुंवर सिंह कख्यारी, राजू पंवार, गंगाधर पंवार, सुरेंद्र सिंह कैंतुरा, मदन सिंह नेगी समेत कई नेता और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।हाल ही में दिव्यांगजनों के मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचने की घटना के बाद पुलिस सतर्कता पर सवाल उठे थे। इसी को देखते हुए इस बार पुलिस ने सुबह से ही एलआईयू और अन्य खुफिया एजेंसियों की मदद से पल-पल की निगरानी रखी।

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