बाढ़ के बाद Delhi में अब बीमारियों का खतरा, सामने आए डेंगू के 27 मामले
दिल्ली- यमुना के जलस्तर में गिरावट देखी गई लेकिन अभी भी कई इलाकों में जलभराब की स्थिति है। यही कारण है कि दिल्ली में अब बीमारियों का भी खतरा बढ़ सकता है। इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बड़ा बयान दिया है। भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार के सभी विभागों को राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ के बाद की स्थिति पर लगातार निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि कंजंक्टिवाइटिस और त्वचा एलर्जी के मामले ज्यादातर दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ के मद्देनजर बनाए गए राहत शिविरों से सामने आ रहे हैं। दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ और जलभराव के बीच इस सप्ताह यहां डेंगू के 27 मामले सामने आए। इस साल अब तक कुल 163 मामले सामने आ चुके हैं।
बीमारियों की आशंका
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बाढ़ के बाद डेंगू, चिकुनगुनिया और मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों के मामलों की आशंका बढ़ रही है लेकिन अभी यह प्रवृत्ति नहीं देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि राहत शिविरों से नेत्र संक्रमण और त्वचा एलर्जी के मामले अधिक संख्या में आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ का सबसे ज्यादा असर पूर्वी दिल्ली और उत्तरपूर्वी दिल्ली पर पड़ा है। दिल्ली में यमुना नदी के जल स्तर में फिर से मामूली वृद्धि के बारे में पूछे जाने पर भारद्वाज ने कहा कि पिछले दो दिन में उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बारिश हुई है और अब नालों का पानी भी नदियों में जा रहा है इसलिए उसका जल स्तर थोड़ा बढ़ गया है।
भारी बारिश के कारण वृद्धि
सोमवार को हल्की बारिश के पूर्वानुमान के बीच पिछले दो दिनों में लगातार गिरावट के बाद भी यमुना में जल स्तर सुबह 6 बजे 205.45 मीटर से बढ़कर 8 बजे 205.50 मीटर और 11:00 बजे 205.76 मीटर हो गया, जबकि यह खतरे के स्तर से ऊपर बना हुआ है। मंत्री आतिशी ने कहा कि हरियाणा के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण वृद्धि हुई है, जबकि एक अधिकारी ने इसके लिए दिल्ली में नालों से पानी छोड़े जाने को जिम्मेदार ठहराया है। दिल्ली में यमुना नदी 10 जुलाई को शाम 5 बजे खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गई।