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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा राजकीय बालिका इण्टर कालेज राजापुर का भवन

हवा हवाई साबित हुआ डीएम का आदेश

जन एक्सप्रेस/हेमनारायण द्विवेदी/अन्नू मिश्रा

तुलसी धाम राजापुर/ चित्रकूट। जहाँ एक ओर केन्द्र सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति लागू करके शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं, वहीं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा में गुणवत्ता, स्कूल – कॉलेजों में कायाकल्प की योजना लागू करके शिक्षा के क्षेत्र में उत्तम प्रदेश बनाने के लिए कार्य कर रही है। राजापुर कस्बे में राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज का भवन 2008-09 में निर्माण कार्य शुरू किया गया था। जो आज खण्डहर के रूप में परिवर्तित हो चुका है। जिसमें सरकार द्वारा निर्गत किए गए करोड़ों रुपए का बन्दरबाँट अधिकारियों व निर्माण संस्था के द्वारा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दी गई है।

निर्माण संस्था व ठेकेदार के बीच हुआ एक करोड़ का बन्दरबाँट

बताते चलें कि राजापुर कस्बे में राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज क्षेत्र का इकलौता कॉलेज है जो पुराने समय से जिला पंचायत चित्रकूट के द्वारा लीज पर चल रहा है जिसके कमरे काफी जर्जर व क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण छात्राएँ खुले आसमान, बरामदों तथा टीनशेड के नीचे शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। ऐसी स्थिति को देखते हुए 2008-09 की तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने नए भवन निर्माण के लिए 98 लाख रुपए कार्यदायी संस्था को निर्गत किया था जिसमें संस्था के द्वारा राजापुर बाईपास एसडीएम कॉलोनी के पास 2008-09 में कार्य प्रारम्भ कराया था लेकिन भ्रष्टाचार के चलते भवन आज भी खण्डहर के रूप में तब्दील हो गया है और सरकार द्वारा निर्गत 98 लाख रुपए का ठेकेदार और कार्यदायी संस्था के बीच बन्दरबाँट हो जाने के कारण राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज का भवन आज भी सफेद हाँथी की तरह खड़ा नजर आ रहा है।

जबकि लगभग 16 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी आज तक ठेकेदार व निर्माण संस्था के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई। राजापुर कस्बे के अभिभावकों व समाजसेवियों के द्वारा चित्रकूट जनपद के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों को कई बार शिकायती प्रार्थना पत्र देकर राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज के भवन को बनवाने के लिए माँग कर चुके हैं। लेकिन उदासीन जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों के द्वारा आज तक उक्त भवन के भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों, निर्माण संस्था के विरुद्ध कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।

राजापुर कस्बे के सभासद शंकरदयाल जायसवाल तथा समाजसेवी सुनील मिश्रा का कहना है कि उक्त प्रकरण में कई बार अधिकारियों व शासन को शिकायती पत्र भेजे जा चुके हैं लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही उक्त अर्धनिर्मित राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज भवन की मरम्मत की गई। जिससे वर्तमान में राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज की छात्राओं को बरसात के समय पठन पाठन में भारी किल्लतों का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही यह भी बताया कि कई माह पहले जिलाधिकारी चित्रकूट अभिषेक आनन्द, उपजिलाधिकारी राजापुर प्रमोद झाँ के द्वारा भवन के निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत चित्रकूट के अवर अभियन्ता भगत सिंह के द्वारा गुणवत्ता परखने के आदेश दिए थे, लेकिन वह आदेश भी हवा हवाई साबित हुआ। उन्होंने माँग किया है कि कार्यदायी संस्था व ठेकेदार द्वारा सरकार के 98 लाख रुपए का दुरुपयोग किया गया है, उन लोगों से रिकवरी कराने की माँग की है।

उधर जिला विद्यालय निरीक्षक चित्रकूट सन्तोष कुमार मिश्रा का कहना है कि उक्त विद्यालय के सन्दर्भ में कई बार शासन को पत्राचार किया जा चुका है। अभी तक शासन से कोई निर्देश नहीं मिले हैं, निर्देश मिलने पर विभागीय कार्रवाई के साथ उक्त भवन के विषय में विचार किया जाएगा।

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