दिल्ली/एनसीआर

संसद की सुरक्षा में चूक का मामला, सभी आरोपितों की न्यायिक हिरासत 9 सितंबर तक बढ़ी

नई दिल्ली  । दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने संसद सुरक्षा चूक मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया है। एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने इस मामले के सभी आरोपितों की न्यायिक हिरासत 9 सितंबर तक बढ़ा दी है।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस ने 15 जुलाई को इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल की थी। दिल्ली पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 353, 153, 452, 201, 34, 120बी और यूएपीए की धारा 13, 16, 18 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। दिल्ली पुलिस ने 7 जून को पहली चार्जशीट दाखिल की थी। दिल्ली पुलिस ने जिन आरोपितों के खिलाफ यूएपीए की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की है, उनमें मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत, सागर शर्मा और नीलम आजाद हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल पहली चार्जशीट करीब एक हजार पन्नों की है।

13 दिसंबर 2023 को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपित सभा कक्ष में कूदे थे। कुछ ही देर में एक आरोपित ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जूतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा। इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई। हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की। कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को काबू में कर लिया। संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए, जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे।

पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर 2023 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को निर्देश दिया था कि वो आरोपित नीलम के परिजनों को एफआईआर की प्रति 24 घंटे के अंदर उपलब्ध कराए। पटियाला हाउस कोर्ट के इस आदेश को दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है। 22 दिसंबर 2023 को हाई कोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी।

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