उत्तराखंड अभी आपदा से उबरा नहीं, फिर तबाही की आहट दे रही बारिश
देहरादून । उत्तराखंड राज्य प्राकृतिक आपदा (भारी बारिश और भूस्खलन) से बिगड़े हालात से अभी उबरा नहीं कि सोमवार को हुई तीव्र बारिश ने मानो एक बार फिर तबाही की आहट दे दी है। पहाड़ से लेकर मैदान तक आकाशीय बिजली की गड़गड़ाहट के साथ झमाझम बारिश हुई। इससे मैदानी इलाकों में उमस से राहत तो मिली, लेकिन पहाड़ी व संवेदनशील क्षेत्रों में हालात और भयावह होने के संकेत हैं।
दरअसल, गत 31 जुलाई को केदार घाटी में आई आपदा में अभी भी यात्री फंसे हुए हैं। सोमवार को हुई बारिश से आपदा में फंसे लोगों के साथ शासन-प्रशासन की धड़कनें तेज हो गई हैं। आपदा के साथ हुई अगस्त माह की शुरुआत उत्तराखंड के लिए भयावह साबित हो रही है। कहीं पहाड़ दरक रहे हैं तो कहीं चट्टान। कहीं नदियां कुछ बहा ले जा रही हैं तो कहीं भूस्खलन हो रहे हैं। सड़कों की स्थिति तो बेहद खतरनाक है। प्रदेश भर में हर रोज सड़कें अवरुद्ध हो रही हैं। इन दिनाें उत्तराखंड में आपदा में फंसे यात्रियाें काे सुरक्षित निकालने के लिए सरकार के साथ वायुसेना, सेना के जवान, एनडीआरएफ-एसडीआरएफ व अन्य टीमें लगी हुई हैं। हालांकि शासन-प्रशासन के प्रयास से काफी यात्री सुरक्षित निकाल लिए गए हैं। जाे फंसे हैं उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू जारी है।
उत्तराखंड में नौ अगस्त तक भारी बारिश का येलो अलर्ट
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने प्रदेश भर में नौ अगस्त तक भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। गर्जन के साथ आकाशीय बिजली भी चमकने की संभावना है। ऐसे में चारधाम यात्रा में मुश्किलें आ सकती है। वैसे मौसम विभाग ने पहले ही लोगों को पूर्वानुमान के अनुसार मौसम को देखते हुए यात्रा करने की सलाह दी है। आवश्यक न होने पर पहाड़ की यात्रा टालने की सलाह दी है।