उत्तरकाशीउत्तराखंड

धराली आपदा में राहत-बचाव को युद्धस्तर पर झोंकी ताकत: ग्राउंड जीरो पर पहुंचे सीएम धामी

चिनूक और एमआई-17 हेलिकॉप्टरों से राहत सामग्री और भारी मशीनरी भेजी गई सेना, बीआरओ, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें जुटीं मिशन में

जन एक्सप्रेस उत्तरकाशी/धराली: उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में बादल फटने के बाद आई भयावह आपदा से प्रभावितों की मदद के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को स्वयं ग्राउंड ज़ीरो पर पहुंचे और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने राहत-बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और स्पष्ट निर्देश दिए कि “किसी भी प्रभावित को सहायता से वंचित न रखा जाए।”मुख्यमंत्री ने आपदा स्थल पर मौजूद सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, प्रशासन और पुलिस के जवानों का उत्साहवर्धन किया और कहा कि राज्य सरकार उनकी हर जरूरत को पूरा करेगी।

पीएम मोदी ने की सीएम से बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बात कर धराली आपदा और राहत कार्यों की जानकारी ली। पीएम ने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया। मुख्यमंत्री ने बताया कि लगातार बारिश और दुर्गम इलाकों के बावजूद राहत कार्य तेज़ी से जारी हैं।

राहत के लिए एयरबेस से भेजे गए हेलिकॉप्टर

बुधवार सुबह 2 चिनूक और 2 एमआई-17 हेलिकॉप्टर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर तैनात किए गए। इनके ज़रिए भारी मशीनरी और राहत सामग्री प्रभावित क्षेत्र में पहुंचाई जा रही है। सड़क मार्ग बाधित होने के कारण हवाई मार्ग ही फिलहाल मुख्य ज़रिया बना हुआ है।

सेना और ITBP ने संभाला मोर्चा

आपदा क्षेत्र में सेना के 125 जवान, ITBP के 83 कर्मी, बीआरओ के 6 अधिकारी और 100 मजदूर राहत और पुनर्निर्माण कार्य में लगे हैं। एनआईएम और एसडीआरएफ की टीमें अस्थायी पुल तैयार कर रही हैं ताकि संचार और आवाजाही बहाल हो सके।

दून और ऋषिकेश एम्स में इलाज की व्यवस्था

राज्य सरकार ने दून मेडिकल कॉलेज, कोरोनेशन हॉस्पिटल और एम्स ऋषिकेश में आपदा घायलों के लिए विशेष बेड आरक्षित किए हैं। साथ ही, विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीमें भी भेजी गई हैं, जिनमें मनोचिकित्सक भी शामिल हैं ताकि मानसिक आघात झेल रहे लोगों को सहायता मिल सके।

राहत शिविर और नेटवर्क बहाली

प्रशासन ने इंटर कॉलेज हर्षिल, झाला, और जीएमवीएन गेस्ट हाउस में राहत शिविर शुरू कर दिए हैं। बिजली और नेटवर्क की बहाली युद्धस्तर पर की जा रही है। वहीं, आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की विशेष टीमें पहले ही मौके पर भेज दी गई हैं ताकि समन्वय और निगरानी बेहतर ढंग से हो सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button