तेल कम नापने पर युवकों ने उठाई आवाज, मालिक ने दिखाई पैसों की हनक गाली-गलौज, मारपीट के झूठे आरोप में युवकों को फंसाया
जिस धारा में तुरंत जमानत मिलती है, उसमें भी भेजा गया जेल क्या यही है योगी राज में कानून का राज? गरीब की कोई सुनवाई नहीं?

जन एक्सप्रेस चित्रकूट: मारकुंडी थाना अन्तर्गत नायरा पेट्रोल पंप पर उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब कुछ युवकों ने तेल कम नापे जाने पर विरोध जताया। मगर विरोध करना युवकों को इतना भारी पड़ेगा, इसका अंदाजा किसी को नहीं था।युवकों ने जब पेट्रोल कम देने की बात पर सवाल उठाया तो पंप मालिक बौखला गया। पैसे और रसूख के नशे में चूर मालिक ने ना केवल गाली-गलौज की, बल्कि मारपीट कर फर्जी केस भी दर्ज करवा दिया। हैरानी की बात तो यह है कि जिन धाराओं में तुरंत जमानत मिल जाती है, वहां भी पुलिस ने युवकों को सीधे जेल भेज दिया।
क्या अब भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना गुनाह हो गया है? क्या आम आदमी के लिए न्याय सिर्फ किताबों तक सीमित है?
क्या पेट्रोल पंप मालिकों की गुंडागर्दी और पुलिस की मिलीभगत खुलकर सामने नहीं आ रही? स्थानीय नागरिकों में घटना को लेकर भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि अगर आवाज उठाने पर जेल जाना पड़े, तो यह लोकतंत्र नहीं, तानाशाही है।
पूरे मामले पर प्रशासन ने अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। सवाल उठता है कि क्या योगी सरकार में केवल पैसेवालों की ही सुनी जाती है?
जब मारकुंडी इंस्पेक्टर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आपका विषय नहीं है उनके खिलाफ मुकदमा लिख दिया गया है और जेल भेज दिया गया। और इसके विषय में हम कुछ नहीं कहेंगे।
पीड़ित युवकों को तुरंत न्याय दिया जाए। मामले की निष्पक्ष जांच हो और पेट्रोल पंप मालिक पर कार्रवाई की जाए। अगर यह उदाहरण बन गया, तो कोई भी नागरिक भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं करेगा।






