हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, दिल्ली दंगा 2020 के मामले में हाई कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। उमर खालिद पर 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों की साजिश रचने का आरोप है। वह सख्त गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत दो साल से ज्यादा समय से जेल में बंद हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने खालिद की जमानत याचिका का विरोध किया था। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि खालिद का भाषण बहुत ही नपा तुला था और उन्होंने अपने भाषण में बाबरी मस्जिद, तीन तलाक, कश्मीर, मुसलमानों का कथित उत्पीड़न, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) जैसे मुद्दों का जिक्र किया था। दिल्ली पुलिस ने दलील दी है कि दंगे दो चरणों में हुए हैं, पहले 2019 में और फिर फरवरी 2020 में। पुलिस का दावा है कि दंगों के दौरान झूठी जानकारी फैलाई गई, सड़कों को बाधित किया गया, पुलिस और अर्धसैनिक बलों पर हमले किए गए तथा गैर मुस्लिम इलाकों में हिंसा की गई