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बाल शोषण मामले की बारीकी से निगरानी कर रहा हूं

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को कहा कि वह उस मामले की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं जिसमें एक डॉक्टर दंपति को उस बच्ची का यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बारे में दावा किया गया था उन्होंने उसे गोद लिया था। शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वह गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर छह महीने के भीतर न्याय सुनिश्चित करने के लिए कहेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पुलिस से 30-45 दिनों के भीतर आरोपपत्र दाखिल करने को कहा है। मैं दिन-प्रतिदिन के आधार पर मामले की निगरानी कर रहा हूं।”
शनिवार को गुवाहाटी में एक डॉक्टर और उनके परिवार की घरेलू सहायिका को गिरफ्तार किया गया था, जबकि उनकी मनोचिकित्सक पत्नी को रविवार को शहर से भागने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया था। पुलिस ने डॉक्टर दंपति और उनकी घरेलू सहायिका के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (पोक्सो) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद, उन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिन्होंने दंपती को पांच दिन की पुलिस हिरासत और घरेलू सहायिका को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

पुलिस को सूचना मिली थी कि चार वर्षीय एक बच्ची को अपार्टमेंट की छत पर कई घंटों तक एक खंभे से बांध कर रखा गया, जिसके बाद पलटन बाजार थाने की एक टीम अपार्टमेंट में गई और शुक्रवार की शाम डॉक्टर और उसकी घरेलू सहायिका को पकड़ा। अदालत ने डॉक्टर दंपति को पांच दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है जबकि घरेलू सहायिका को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

लड़की को चिकित्सा जांच के लिए ले जाया गया था और रिपोर्ट के अनुसार, उसके साथ यौन शोषण किया गया था। गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंत बारह ने रविवार को कहा था कि दंपति ने दावा किया कि उनके तीन बच्चे हैं जिन्हें उन्होंने गोद लिया है लेकिन पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या उन्होंने गोद लेने के लिए उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया था।

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