उत्तर प्रदेश

कोर्ट का फैसला तय करेगा अफजाल अंसारी का राजनीतिक भविष्य

गाजीपुर । गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से बसपा सांसद अफजाल अंसारी और उनके भाई मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर मामले में एमपी एमएलए कोर्ट का फैसला शनिवार (आज) आएगा। न्यायालय के फैसले को लेकर सियासत गरम है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस फैसले का पूरा प्रभाव लोकसभा चुनाव 2024 पर पड़ेगा। अगर न्यायालय सांसद अफजाल अंसारी को दोषी करार देती है तो उनकी लोकसभा से सदस्यता समाप्त हो जायेगी। फलस्वरूप उपचुनाव की स्थिति भी बन जाएगी। वहीं 2024 के होने वाले लोकसभा चुनाव में भी उनके ऊपर राजनैतिक संकट के बादल छाये रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि 22 नवंबर 2007 को मुहम्मदाबाद पुलिस ने विभिन्न मामलों को शामिल करते हुए गैंग चार्ट में सांसद अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी को शामिल कर गिरोह बंद अधिनियम (गैंगस्टर एक्ट) के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। एमपी एमएलए न्यायालय ने फैसला सुरक्षित कर लिया। साथ ही फैसला सुनाने की तिथि 15 अप्रैल नियत किया है। 16 वर्ष पुराने इस मामले की सुनवाई के बाद फैसले के लिए अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एमपी-एमएलए कोर्ट ने 15 अप्रैल की तिथि तय की थी। कोर्ट के फैसले से पहले जिले में चर्चाओं का बाजार गरम है।

हाईकोर्ट से नहीं मिल पाई थी राहत, लिहाजा स्थानीय कोर्ट द्वारा हुई सुनवाई

कि भाजपा के तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में मुख्तार अंसारी, अफजाल अंसारी, शिवगतुल्लाह अंसारी सहित कई लोगों के नामजद होने के बाद उक्त हत्याकांड के दो वर्ष बाद गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। इस दौरान बीते वर्ष कृष्णानंद राय हत्याकांड से इन लोगों को बरी कर दिया गया। तब अंसारी परिवार ने हाईकोर्ट में गैंगस्टर एक्ट को भी रद्द करने के लिए अपील किया। लेकिन हाईकोर्ट द्वारा स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया कि हत्या का मामला व गिरोह बनाकर अपराध करने का मामला दोनों अलग-अलग है। ऐसे में अगर कृष्णानंद राय हत्याकांड से बरी हो गए हैं तो उसका गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लिहाजा यह मुकदमा अनवरत जारी रहेगा।

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