नेपाल के रास्ते प्रवेश को सुगम मानते है भारत विरोधी तत्व
खुली सीमा, बेरोकटोक आवागमन बन रहा सहायक

जन एक्सप्रेस/अशोक उपाध्याय/नबी अहमद
रूपईडीहा, बहराइच। भारत नेपाल की खुली सीमा, बेरोकटोक आवागमन भारत विरोधी तत्वों के घुसपैठ में सहायक बन रहा है। नेपाल के रास्ते भारत में घुसपैठ को लेकर सीमा कई अर्से से चर्चा में है। पूर्व में भी नेपाल के रास्ते भारत विरोधी तत्व घुसपैठ कर चुके है। अभी हाल के दिनों में नेपाल के रास्ते घुसपैठ कर भारत में आयी सीमा गुलाम हैदर का मामला अभी भी सुर्खियों में है। नेपाल के रास्ते सीमा गुलाम हैदर के भारत में प्रवेश को लेकर सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों पर भी सवाल खड़े हुए। जानकार नेपाल की खुली सीमा को भारत के लिए असुरक्षित मान रहे है।
भारत नेपाल की सीमा खुली और वनाछादित है। सीमा क्षेत्र में ग्रामीण और ऊबड़ खाबड़ रास्ते भी भारत विरोधी तत्वों और तस्करों के लिए मुफीद साबित हो रहे है। नेपाल के रास्ते भारत में घुसपैठ का मामला नया नही है। इससे पहले भी घुसपैठिये भारत नेपाल सीमा को अपने लिए आसान मान कर प्रवेश करते रहे है। कई दो दशक पूर्व भारत नेपाल सीमा के रूपईडीहा कस्बे के निकट भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने मसरूर नामक एक आतंकी को गिरफ्तार किया था। सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ था कि उसके संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से थे। उसके पास से आपत्ति जनक दस्तावेज भी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने बरामद किए थे।
आईएसआई का आतंकी मसरूर अपना नाम बदल कर रमेश चैधरी कर लिया था। हालांकि खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में उसने आईएसआई से जुड़े कई राज का खुलासा कर दिया। वर्ष 2009-10 में नेपाल के रास्ते तीन चीनी नागरिक भी भारतीय सीमा में प्रवेश कर गये थे। हालांकि सीमा पर तैनात एसएसबी ने इन चीनी नागरिको को उस समय गिरफ्तार किया था जब ये एसएसबी कैम्प व आसपास इलाके की फोटोग्राफी कर रहे थे। सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ में इन्हे चीनी जासूस माना था। चीनी नागरिकों के भारत में घुसपैठ के बाद मामला मीडिया की सुर्खिया बना था।
हालांकि चीन की ओर से अधिकारिक तौर पर इन्हे पर्यटक बताया गया था। लेकिन घुसपैठ का यह मामला काफी समय चर्चा में रहा। वैसे भी भारत नेपाल के बीच खुला आवागमन होने के कारण घुसपैठिये इस रास्ते को आसान मानते है। जबकि भारतीय क्षेत्र में एसएसबी और नेपाली क्षेत्र में एपीएफ के जवान घुसपैठ और तस्करी की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कदम उठा रहे है। ऐसे में सीमा गुलाम हैदर का सिद्धार्थ नगर के रास्ते भारत में प्रवेश करने का मामला सुरक्षा में चूक के नजरिए से देखा जा रहा है। फिलहाल उत्तर प्रदेश के बड़े पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा में चूंक की बात से इंकार किया था। फिलहाल तो सीमा हैदर से सुरक्षा एजेसिंया पूछताछ कर रही है, वहीं सरकारी निर्देशों के बाद इन दिनों सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मी कड़ी चैकसी बरत रहे है। आने जाने वाले लोगों से गहन पूछताछ की जा रही है।
दोनों देशों के बीच सीमा पर आवागमन करने वाले लोगों से सुरक्षाकर्मी भले ही कड़ी पूछताछ करते है। लेकिन आवागमन करने वाला व्यक्ति भारत का निवासी है या नेपाल का। इस आसय की पुष्टि करना सुरक्षाकर्मियों के लिए बेहद कठिन है। कारण यह है कि आवागमन के लिए दोनों देशों के नागरिकों के बीच पहचान पत्र की अनिवार्यता नही है। इसका फायदा भी घुसपैठियों को मिलता है।