आरक्षण दिवस के रूप में घोषित किया जाए :अरविन्द पटेल
जौनपुर ।जिले के नगर पंचायत कजगांव में सरदार सेना के कार्यकर्ताओं के द्वारा छत्रपति शाहूजी महाराज की जयन्ती सोमवार को धूमधाम से मनाई गयी। जयन्ती समारोह के अवसर पर सरदार सेना के जिलाध्यक्ष अरविन्द कुमार पटेल ने साहू जी महाराज के जीवन काल में किये गये तमाम कार्यों के बारे में बताते हुए कहा कि छत्रपति साहू महाराज भारत में सच्चे प्रजातंत्रवादी और समाज सुधारक थे। वे कोल्हापुर के इतिहास में एक अमूल्य मणि के रूप में आज भी प्रसिद्ध हैं।
छत्रपति साहू महाराज ऐसे व्यक्ति थे,जिन्होंने राजा होते हुए भी दलित और शोषित वर्ग के कष्ट को समझा और सदा उनसे निकटता बनाए रखी।उन्होंने दलित वर्ग के बच्चों को मुफ़्त शिक्षा प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू की थी।गरीब छात्रों के लिए छात्रावास स्थापित किए और बाहरी छात्रों को शरण-प्रदान करने के आदेश दिए।साहू जी महाराज के शासन के दौरान ”बाल विवाह” पर ईमानदारी से प्रतिबंधित लगाया गया।
उनके पिता का नाम श्रीमंत जयसिंह राव आबासाहब घाटगे था। छत्रपति साहू जी महाराज का बचपन का नाम ”यशवंतराव” था। छत्रपति शिवाजी महाराज (प्रथम) के दूसरे पुत्र के वंशज शिवाजी चतुर्थ कोल्हापुर में राज्य करते थे।राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज का जन्म 26 जून 1874 में हुआ था उनके बचपन का नाम यशवंत रॉव था।
जिसके तहत एक अछूत को थोड़ी सी जमीन देकर बदले में उससे और उसके परिवार वालों से पूरे गाँव के लिए मुफ्त सेवाएं ली जाती थीं.इसी तरह 1918 में उन्होंने कानून बनाकर राज्य की एक और पुरानी प्रथा ‘वतनदारी’ का अंत किया तथा भूमि सुधार लागू कर महारों को भू-स्वामी बनने का हक़ दिलाया.इस आदेश से महारों की आर्थिक गुलामी काफी हद तक दूर हो गई।दलित हितैषी उसी कोल्हापुर नरेश ने 1920 में मनमाड में दलितों की विशाल सभा में सगर्व घोषणा करते हुए कहा था-‘मुझे लगता है अम्बेडकर के रूप में तुम्हें तुम्हारा मुक्तिदाता मिल गया है।