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आयुष्मान में ‘अस्वस्थ’ सिस्टम: 34 अस्पतालों को ₹9.94 करोड़ का फर्जी भुगतान, ₹4.43 करोड़ की अब तक रिकवरी

EOW कर रही है जांच, साचीज ने की FIR, अधिकारियों की लॉगिन से हुआ पूरा खेल

जन एक्सप्रेस लखनऊ | उत्तर प्रदेश में ‘आयुष्मान भारत’ योजना के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। योजना के तहत 34 अस्पतालों को फर्जी मरीजों के नाम पर ₹9.94 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। अब तक इस रकम में से ₹4.43 करोड़ की रिकवरी की जा चुकी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच अब आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंप दी गई है।

फर्जीवाड़े का तरीका: सिस्टम में लॉगिन से खेला गया पूरा ‘खेल’

घोटाले का खुलासा हुआ जब स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (SACHIS) ने भुगतान प्रक्रिया की आंतरिक समीक्षा की। जांच में सामने आया कि 1 मई से 22 मई के बीच साचीज की इंप्लिमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी, लेखाधिकारी, वित्त प्रबंधक और सीईओ की लॉगिन आईडी का उपयोग कर सिस्टम में फर्जी एंट्री की गई। इसके बाद मरीजों के नाम पर इलाज दिखाकर अस्पतालों के खातों में करोड़ों रुपये ट्रांसफर कर दिए गए।

FIR दर्ज, नोटिस जारी: 34 अस्पताल जांच के घेरे में

घोटाले की पुष्टि के बाद 6 जून को हजरतगंज थाने में FIR दर्ज कराई गई। इसके साथ ही साचीज ने उन 34 अस्पतालों को नोटिस जारी किए हैं, जिनके खातों में फर्जी भुगतान हुआ। अब तक 4.43 करोड़ रुपये वापस लिए जा चुके हैं, जबकि बाकी की रिकवरी की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।

कहीं और भी तो नहीं फैला जाल?

सूत्रों के अनुसार, घोटाले की जड़ें और भी गहरी हो सकती हैं। जांच एजेंसियों को संदेह है कि इसी तरह की तकनीक का इस्तेमाल दूसरे जिलों या योजनाओं में भी किया जा सकता है। इसीलिए अब सभी बड़े भुगतान मामलों की डिजिटल ऑडिट की तैयारी हो रही है।

राजनीतिक हलचल भी तेज

मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इस घोटाले को “योगी सरकार के स्वास्थ्य मॉडल की असलियत” करार देते हुए हाई लेवल जांच की मांग की है। वहीं सरकार का कहना है कि घोटालेबाजों को बख्शा नहीं जाएगा।

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