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गांजा की तस्करी से करोडपति बन बैठा बांदा का गांजा माफिया
पुलिस और आबकारी विभाग की सांठगांठ से भांग की दूकानों मे खुलेआम बिकता है गांजा
कुछ साल पहले बांदा के पूर्व डीआईजी दीपक कुमार की टीम ने माल सहित भेजा था जेल
जन एक्सप्रेस संवाददाता
बांदा। जिले के एक गांजा माफिया और उसके गुर्गों ने यहां की युवा पीढी को गांजे के नशे का आदी बना दिया है। बताते हैं कि इस माफिया के गांजे के धुंआ का जिस ब्यक्ति ने एक बार भी सेवन कर लिया। वह कभी उबर नहीं पाया। जिन्दगी छूट गयी पर गांजे की चिलम नहीं छूटी। सरकार चाहें किसी की भी रही हो। अवैध गांजे की खेप हमेशा परवान चढती रही। खास बात यह रही कि सबका हिस्सा घर बैठे पहुंचता रहा। धडल्ले से गांजे का करोडों का कारोबार होता रहा।
लोगों का कहना है कि अपनी मोहक बातों से सबका मन मोह लेने वाले यहां के गांजा माफिया मोहित निगम ने लगातार सपा, बसपा सरकारों के कार्यकाल मे करोडों की गांजा तस्करी की है। वर्तमान भाजपा सरकार में भी गांजे की तस्करी मे कोई रुकावट नहीं आई। लोगों का कहना है कि पुलिस ने कई बार कुंटलों गांजा इसके ठिकाने से पकड़ कर जब्त किया,और इसे जेल भेजा। लेकिन गांजा माफिया अपने कारोबार मे नये-नये तरीके ईजाद करता रहा। इस समय वह नये नये ड्राइवर लड़कों से गांजा मंगाकर सीधे बड़े शहरों और महानगरों के गांजा माफियाओं को बेंचता है और करोडों कमा रहा है। इसके चहेते ड्राइवरों के कई जिलों में मुकदमें चल रहे हैं। और मोहित निगम के भी कई अन्य जनपदों में गांजा से सम्बंधित मुकदमें चल रहे हैं। और तो और इसके पास पाई जाने वाली लक्जरी कारें भी ये बाहर से चोरी करके मंगवाता है।
गांजा की लत मे फंसेें बड़े-बूढ़े से लेकर युवा तक इस नशे के आदी हो चुके हैं। लेकिन गांजा माफियाओं को कोई फर्क नहीं पड़ता। गांजा माफिया मोहित निगम का नाम जनपद में गांजा व्यापार के लिए सबसे ऊपर आता है। इसने बांदा शहर और आसपास एक दर्जन से ज्यादा प्लाट, मकान बना रखे हैं। अभी हाल ही में गांजा तस्करी की अवैध कमाई से बबेरू-तिंदवारी रिंग रोड में एक बड़ा रेस्टोरेंट्स बनवा रखा है। जहां ये गांजा छिपा कर रखता है। इसके गांजा छिपाने का तरीका भी अजीब है। पिछली बार की कार्रवाई में मौजूद पुलिस कर्मियों से मालूम हुआ था कि जमीन के अंदर बालू गिट्टी के नीचे एक कुंतल से भी ज्यादा गांजा छिपाया था । लेकिन पुलिस ने बिल्कुल सटीक सूचना पर इसके घर में छापा मारा और माल सहित गिरफ्तार कर लिया था। इसके पहले ये कई थानेदारों को मोटी रकम देता था।ताकि उस रकम के ऐवज में ये गांजा तस्करी कर सके। अगर इसे अभी पुलिस ने नहीं रोका तो ये जल्द ही पूरे प्रदेश में गांजा सप्लाई का काम शुरू कर देगा। जिले के एक समाजसेवी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कार्यवाही करने का निवेदन किया है।
गांजा माफिया मोहित निगम के ठाट बाट देखो तो किसी बड़े अधिकारी से कम नहीं हैं और तो और इसकी सेटिंग में आबकारी विभाग के अधिकारियों से लेकर सिपाही तक हैं। सबको पता है कि मोहित निगम गांजा का थोक काम करता है। लेकिन आबकारी विभाग हमेशा की तरह अपना हिस्सा लेता रहा है। कभी मोहित के ऊपर कार्यवाही नहीं की। लेकिन ईमानदार पुलिस अधिकारियों से मोहित की सेटिंग नही हो पायी। इसके बावजूद यह गांजा तस्करी में लिप्त है। जिले में इस समय ईमानदार छवि वाले पुलिस अधीक्षक की तैनाती हुई है। उन्होंने सख्त लहजे में साफ-साफ कहा है कि अवैध नशे के कारोबारियों को किसी भी कीमत में नहीं छोड़ा जाएगा।