रखवाली कर रहे किसान पर भालू का हमला, मौत…
पीलीभीत। जंगल किनारे खेत की रखवाली कर रहे किसान पर भालू ने हमला कर मार डाला। गुस्साए ग्रामीणों ने शव रखकर मार्ग पर जाम लगा दिया। रेंजर द्वारा मुआवजा दिलाने के आश्वासन के बाद करीब एक घंटे बाद ग्रामीणों ने जाम खोल दिया।
कलीनगर तहसील क्षेत्र के गांव पिपरिया संतोष निवासी किसान लालाराम (26) पुत्र राममूर्ति गेहूं के खेत की रखवाली करने गया था। लालाराम का खेत पीलीभीत टाइगर रिजर्व की बराही रेंज से करीब 200 मीटर की दूरी पर है। गुरुवार सुबह किसान का खून से लथपथ शव खेत में मिला। बताते हैं कि रात में किसी समय खेत की रखवाली के दौरान किसान पर भालू पर हमला कर दिया। घटना की जानकारी परिजनों को गुरुवार सुबह हुई। घटना की जानकारी पर ग्रामीणों में दहशत फैल गई।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई, लेकिन वन विभाग को कोई अफसर मौके पर नहीं पहुंचा। इससे गुस्साए ग्रामीणों ने माधोटांडा-खटीमा मार्ग पर शव रखकर जाम लगा दिया। ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। इस बीच पीलीभीत टाइगर रिजर्व की बराही रेंज के वन क्षेत्राधिकारी अरुण मोहन श्रीवास्तव और महोफ रेंज के वन क्षेत्राधिकारी सहेंद्र यादव मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारी ग्रामीणों से वार्ता की और मृतक किसान के परिजनों को मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया। तब कहीं जाकर करीब एक घंटे बाद ग्रामीणों ने जाम खोला। पुलिस ने किसान के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
एएसजी ने कहा था कि अन्य पहलुओं पर और कुछ अन्य आरोपियों के खिलाफ सीबीआई की जांच जारी है और निचली अदालतों ने कहा कि आरोपपत्र अंतिम नहीं है और उन्होंने आरोपियों को जमानत दे दी। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी की याचिका के समर्थन में कई फैसले हैं। इससे पहले 30 मई को दिल्ली उच्च न्यायालय ने करोड़ों रुपये के बैंक ऋण घोटाला मामले में डीएचएफएल प्रवर्तकों को दी गई वैधानिक जमानत को बरकरार रखा था।
उच्च न्यायालय ने पिछले साल तीन दिसंबर के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि उन्हें जमानत देने का निर्णय ‘‘बेहतर तर्कों और कारणों’’ पर आधारित था। वधावन बंधुओं को पिछले साल 19 जुलाई को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। मामले में 15 अक्टूबर 2022 को आरोप पत्र दाखिल किया गया और इस पर संज्ञान लिया गया।