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भाजपा ने विन्ध्य की दो सीटों पर उतारे प्रत्याशी,चित्रकूट से सुरेन्द्र सिंह गहरवार को मिला टिकट

कई बार के हारे प्रत्याशी हैं सुरेंद्र सिंह गहरवार

जन एक्सप्रेस/ विशेष रिपोर्ट- सचिन वन्दन

चित्रकूट (मध्यप्रदेश)

मध्य प्रदेश विधानसभा मे इसी वर्ष चुनाव होने वाले हैं। चुनाव को लेकर सभी दलों ने तैयारियां तेज करते हुए अपने-अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की है। भारतय जनता पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है। मध्य प्रदेश मे 39 उम्मीदवारों की सूची जारी‌ की गई है। जबकि प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें हैं। चरणबद्ध तरीके से उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होगी। जबकि अभी तक अन्य किसी दल ने प्रत्याशियों के चयन के लिऐ अभी तक कोई मुहर नहीं लगाई है।

विन्ध्य की दो सीटों पर उतारे प्रत्याशी

विन्ध्य मे दो सीटों पर भाजपा ने समय से पूर्व अपने प्रत्याशी उतारे हैं। सतना के चित्रकूट और अनूपपुर के पुष्पराजगढ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने अपने प्रत्याश की घोषणा की है। ऐसे पहली बार हुआ है, जब बीजेपी ने चुनाव की घोषणा से पहले उम्मीदवारों का ऐलान किया है। ये सभी वो सीटें हैं जहां वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है। इनमें भी ज्यादातर वो सीटें हैं, जहां बीजेपी लगातार दो या तीन बार से चुनाव हार रही है। विन्ध्य क्षेत्र से अभी तक दो सीटों के प्रत्याशियों का नाम सामने आया है। चित्रकूट विधानसभा से सुरेन्द्र सिंह गहरवार और पुष्पराजगढ से हीरा सिंह श्याम को प्रत्याशी बनाया है। उक्त दोनों सीटों मे अभी कांग्रेस का कब्जा है‌। पुष्पराजगढ विधानसभा में कांग्रेस से फुंदेलाल सिंह मार्को व चित्रकूट से कांग्रेस के निलांशु चतुर्वेदी विधायक हैं। समय से प्रत्याशी उतारने के कई कारण हो सकते हैं।

“पुष्पराजगढ विधानसभा – भाजपा प्रत्याशी,हीरासिंह श्याम

श्री श्याम पुष्पराजगढ के पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष व भाजपा के युवा नेता हैं। संगठन मे इन्हें जिला महामंत्री का दायित्व सौंपा गया है। पिछले पंचवर्षीय जनपद पंचायत अध्यक्ष बने थे।

चित्रकूट विधानसभा-61, भाजपा प्रत्याशी सुरेन्द्र सिंह गहरवार

 श्री गहरवार पूर्व विधायक हैं। गहरवार 2008 चित्रकूट विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए थे। अब भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं।

गहरवार ने सिर्फ एक बार ही दर्ज कराई जीत

पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार चित्रकूट विधानसभा सीट से चुनाव तो कई बार लड़े, लेकिन जीत सिर्फ एक बार ही दर्ज कर पाए, वह भी तमाम विरोधों और आरोपों लगने के बाद। गलत तरीके से चुनाव जीतने के इनके ऊपर आरोप लगे थे। भारतीय जनता पार्टी ने कई बार टिकट देकर गहरवार को चुनावी मैदान मे उतारा लेकिन जीत सिर्फ एक बार ही दर्ज कर पाए। बार-बार हारे प्रत्याशी को टिकट मिलने से यह साफ हो रहा है, कि भाजपा ने लड़ाई से पहले ही हार मान ली है। जबकि भारतीय जनता पार्टी के पास कई ऐसे युवा चेहरे थे कि, कांग्रेस के गढ का मिथक तोड़ने का सामर्थ्य रखते हैं। लेकिन टिकट वितरण मे इसका ख्याल बिल्कुल भी नहीं रखा गया।

सुरेन्द्र को टिकट मिलने का मतलब सरेंडर

क्षेत्र के लोगों का मानना है,कि सुरेन्द्र सिंह गहरवार को टिकट देने का मतलब है कि भाजपा ने अपने आपको सरेंडर कर दिया है। इस निर्णय के बाद कांग्रेस के जीत का रास्ता भी लगभग-लगभग साफ मान रहे हैं। चित्रकूट विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ मानी जाती है। लेकिन यह गढ तब वाकई मजबूत था जब प्रेम सिंह इस सीट से चुनाव लड़ा करते थे। उनके स्वर्गवास होने के बाद भाजपा से किसी जमीनी नेता को टिकट न मिलने से कांग्रेस का यह मिथक अभी भी बरकरार है। मिथक तभी टूटेगा जब किसी एसे नेता को मौका मिलेगा,जो क्षेत्र मे मजबूत पकड़ रखता होगा।

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