भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री और जलशक्ति मंत्री को लिखा पत्र, भरोसा बांध से निकली नहर को आरसीसी बनाने की मांग
किसानों की समस्याओं का समाधान: नहर की स्थिति गंभीर, आरसीसी निर्माण की आवश्यकता

जन एक्सप्रेस चित्रकूट:
मानिकपुर (चित्रकूट)। भाजपा नेता और जिला उपाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा चित्रकूट, जितेन्द्र मोहन शुक्ल एडवोकेट ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को पत्र लिखकर मानिकपुर स्थित भरोसा बांध से निकली नहर को आरसीसी (रेइनफोर्स्ड सीमेंट कंक्रीट) बनाने की मांग की है। उनका कहना है कि यह नहर क्षेत्र के किसानों के लिए जीवनदायिनी है, लेकिन नहर में जगह-जगह कटाव और गंदगी के कारण सिंचाई के पानी की आपूर्ति प्रभावित हो रही है, जिससे किसानों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
भरोसा बांध से निकली नहर: एकमात्र जलस्रोत, लेकिन जर्जर स्थिति में
जितेन्द्र मोहन शुक्ल ने पत्र में बताया कि मानिकपुर, चुरेहकशेरुआ, गुरौला, ऐलहा बढ़ैया, उमरी खिचड़ी समेत लगभग एक दर्जन गांवों की खेती के लिए यही नहर एकमात्र जलस्रोत है। लेकिन नहर के जर्जर हो जाने के कारण यह पानी की आपूर्ति पूरी तरह से प्रभावित हो चुकी है। नहर जगह-जगह कटी हुई है, जिससे अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच पाता है और सिंचाई के लिए पानी की किल्लत हो रही है। इसके कारण किसानों को अपनी सूखती फसल देखकर निराश होना पड़ता है, और कई बार पानी न मिलने के कारण पूरी फसल बर्बाद हो जाती है।
पाठा क्षेत्र में जल संकट: किसानों के लिए नहर है एकमात्र सहारा
पत्र में आगे उल्लेख किया गया कि मानिकपुर क्षेत्र पाठा क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां गर्मियों में पीने के लिए भी पर्याप्त पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती। इस क्षेत्र के किसानों के लिए यही नहर एकमात्र सहारा है। लेकिन नहर के जर्जर हो जाने के कारण, जल की बर्बादी हो रही है, और पानी नालों में बहकर बेकार हो रहा है। जितेन्द्र मोहन शुक्ल ने पत्र में यह भी आग्रह किया है कि इस नहर को आरसीसी बनवाने की कृपा की जाए ताकि इस क्षेत्र के किसानों को पानी की पर्याप्त आपूर्ति हो सके और उनकी कृषि योग्य भूमि पर सिंचाई का पानी सही तरीके से पहुंच सके।
किसानों के हित में अहम कदम उठाने की उम्मीद
यह पत्र भाजपा नेता जितेन्द्र मोहन शुक्ल द्वारा भेजा गया है, जिसमें उन्होंने सरकार से मांग की है कि नहर के आरसीसी निर्माण से पाठा क्षेत्र के किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा मिलेगी और उनकी कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी। इसके साथ ही, क्षेत्र में जल संकट को भी दूर किया जा सकेगा, जिससे किसानों का जीवन खुशहाल हो सके।