भाजपा संभल कर उठाए हर कदम, योगी हैं संघ की पसंद
संघ के कार्यक्रम में गोरखपुर आने के दौरान बंद कमरे में मिले संघ प्रमुख मोहन भागवत और सीएम योगी
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-दोनों दिग्गजों के बीच एक ही दिन दो अलग-अलग जगह हुई बैठक ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी
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सीएम योगी से गंभीर चर्चा कर मोहन भागवत ने स्पष्ट निर्देश दे दिया योगी संघ के पैमानों पर खरे हैं
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स्पष्ट कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में फिलहाल योगी का कोई विकल्प नहीं है। योगी को नजरअंदाज करने का खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ सकता है
जन एक्सप्रेस/डॉ वैभव शर्मा
लखनऊ। हाल ही में संघ के कार्यक्रम में शामिल होने गोरखपुर आए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि योगी आदित्यनाथ संघ की पसंद में शुमार हैं। उन्होंने विपक्ष और योगी विरोधी भाजपा के एक धड़े को बिना एक शब्द कहे यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उत्तर प्रदेश में फिलहाल योगी का कोई विकल्प नहीं है। योगी को नजरअंदाज करने का खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ सकता है।
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार को नसीहत देने के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत की गोरखपुर में सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ बंद कमरे में एक ही दिन दो अलग-अलग जगह हुई बैठक ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा को मिली शिकस्त के बाद भाजपा और संघ के बीच संबंधों में वह गर्मजोशी नहीं रही जैसी पहले रहा करती थी।
सूत्रों के अनुसार संघ के कार्यक्रम में गोरखपुर आए संघ प्रमुख मोहन भागवत यूपी में भाजपा की हार के जमीनी कारण जानना चाहते हैं। यह भी जानना चाहते हैं कि शासन स्तर पर अच्छे कामकाज और राम मंदिर बनने के बाद भी आखिर भाजपा को हार का सामना क्यों करना पड़ा।
इसलिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार (15 जून 2024) को गोरखपुर में कथित तौर पर बंद कमरे में दो बैठकें कीं। यह बैठक करीब 30 मिनट तक चली।
कैंपियरगंज इलाके के एक स्कूल में भागवत से पहली मुलाकात हुई
सूत्रों के अनुसार, आदित्यनाथ ने शनिवार दोपहर कैंपियरगंज इलाके के एक स्कूल में भागवत से पहली मुलाकात की। मोहन भागवत यहां संघ के एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ और मोहन भागवत के बीच दूसरी बैठक पक्कीबाग इलाके में सरस्वती शिशु मंदिर में रात करीब 8:30 बजे हुई।
हार के कारणों पर चर्चा पर केंद्रित रही बात
चर्चा है कि मोहन भागवत का यह दौरा नियमित नहीं है। तीन दशकों से संघ से जुड़े एक वरिष्ठ भाजपा नेता का कहना है कि भागवत उत्तर प्रदेश में हार के पीछे के प्रमुख कारणों पर आदित्यनाथ के साथ चर्चा करने वाले थे। हो सकता है कि ये दोनों बैठक इसलिए ही हुई हो। दरअसल भाजपा यूपी में सबसे मजबूत स्थिति में दिख रही थी, लेकिन नतीजे उसके उलट रहे। यहां की 80 सीटों में से बीजेपी ने 33 पर ही जीत दर्ज की। जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने यहां से 71 सीटें और 2019 लोकसभा चुनाव में 62 सीटें जीती थीं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन ने यूपी में 43 सीटें जीती हैं। इसमें से 37 पर सपा को और छह पर कांग्रेस को जीत मिली है।
अयोध्या मंडल में हार से संघ भी विचलित
यूपी में सबसे ज्यादा चौंकाने वाले नतीजे अयोध्या मंडल से रहे। दरअसल, अयोध्या राम मंदिर के भरोसे बीजेपी पूरे देश में बेहतर नतीजों की उम्मीद लगाए बैठी थी, लेकिन पार्टी अयोध्या मंडल की अधिकतर सीटें हार गई। यही नहीं, अयोध्या राम मंदिर जिस फैजाबाद सीट के तहत आता है, बीजेपी वहां भी जीत दर्ज नहीं कर पाई।