उत्तराखंड

मानसून की वजह से धीमी पड़ी चारधाम यात्रा, दो माह में भोले के दर पर पहुंचे रिकॉर्ड भक्त

देहरादून । मानसून की वजह से चारधाम में श्रद्धालुओं की संख्या अब बहुत कम हो चुकी है। मई और जून महीने में चारों धामों में यात्रियों की संख्या हर रोज 50 हजार पार पहुंच रही थी, जो मानसून सीजन में घटकर मात्र 5-7 हजार के करीब रह गई है। एक जुलाई से प्रदेश में लगातार मानसून की बारिश जारी है। इससे श्रद्धालु मानसून सीजन में चारधाम यात्रा करने से बच रहे हैं।

मानसून की वजह से उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की गति धीमी पड़ने लगी है। चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में तीर्थयात्री कम नजर आ रहे हैं। वहीं धामों में भी प्रतिदिन दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में कमी आई है। इस वर्ष 10 मई को केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा शुरू हुई थी।

पिछले लगभग दो माह में अब तक 30 लाख 71 हजार 587 तीर्थयात्री धामों के दर्शन कर चुके हैं। मई और जून माह में चारधाम यात्रा चरम पर थी। उस समय चारधामों में प्रतिदिन 40-60 हजार तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए। जुलाई माह में यह संख्या 10 हजार से भी नीचे आ पहुंची। जुलाई के प्रथम सप्ताह में मानसून के दस्तक देने के बाद चारधाम यात्रा में भारी कमी आई है। चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में यात्रा शुरू होते ही खासी चहल-पहल हो गई थी। अब सितम्बर के दूसरे सप्ताह से तीर्थयात्रियों के बढ़ने के आसार हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से समूचे गढ़वाल क्षेत्र में लगातार वर्षा हो रही है। बरसात के दिनों में चारधाम यात्रा स्वत: ही धीमी पड़ जाती है। अब मानसून में आने वाले दिनों में चारधाम यात्रा कुछ धीमी ही रहेगी। हालांकि शासन स्तर पर कोशिश की जा रही है कि चारधाम यात्रा में कोई बाधा न पहुंचे।

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