मुख्यमंत्री जी! दबंगों से मुक्त करा दीजिए हम गरीबों की कृषि योग्य भूमि

- अमचुर नेरूआ में प्रशासन ने चौपाल लगाकर लोगों की जानी समस्याएं
- फरियादियों ने कहा जमीन का पर्चा है, लेकिन दखल नहीं
जन एक्सप्रेस संवाददाता । चित्रकूट
मुख्यमंत्री जी! दबंगों से हम गरीबों की कृषि योग्य भूमि मुक्त करा दीजिए, यह बात अमचुर नेरूआ के ग्रामीण कह रहे हैं।जिस तरह से शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा हटाने को लेकर योगी सरकार का बुल्डोजर हमेशा तैयार रहता है, ठीक उसी तरह से अब दबंगों के कब्जे से गरीबों की कृषि योग्य भूमि मुक्त होगी। निजी भूमि से कब्जा हटाने को लेकर यूपी सरकार बेहद सख्त है।शुक्रवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर मानिकपुर तहसील क्षेत्र के अमचुर नेरूआ ग्राम पंचायत में नायब तहसीलदार के नेतृत्व मे जन चौपाल लगाकर निजी भूमि मे अवैध कब्जे से संबंधित शिकायतें सुनी गईं। अमचुर नेरूआ ग्राम पंचायत में 300 बीघे के करीब गरीब आदिवासियों की भूमि पर दबंगों द्वारा अवैध कब्जा किया गया है। चौपाल मे एक दर्जन के करीब पीड़ित ग्रामीणों ने निजी भूमि मे कब्जे की शिकायत की है।ग्रामीणों ने कहा कि,साहब हम कागज में ही अपनी जमीन जानते हैं, हकीकत में हमारी भूमि कहां है हमें पता ही नहीं है। पीड़ितों ने अधिकारियों से फरियाद लगाकर निजी भूमि को मुक्त कराने की गुहार लगाई है। अमचुर नेरूआ के मोतीलाल,गंगा, दिनेश, रामकलेश,मुन्ना ,राजकरण,राजा, गुलाब,विनोद, सुरेश आदि ग्रामीणों ने लिखित प्रार्थना पत्र देकर भूमि दिलवाने की मांग की है।
कागज ही देख , कर लेते संतोष
जानकारी के अनुसार आज से 30 साल पूर्व अमचुर नेरूआ के आदिवासियों समेत अन्य वर्ग के लोगों को सरकार ने खेती के लिए सीलिंग की जमीन दी थी। इसमें सबसे अधिक आदिवासियों के ही पट्टे किए गए थे। दर्जनों परिवारों को यह जमीन दी गई थी। ताकि वह खेती- किसानी कर वह अपने परिवार का पालन-पोषण कर गरीबी दूर कर सकें। लेकिन, आज तक इस जमीन पर दबंगों का कब्जा है। ग्रामीण यदि खेत पर जाते हैं, तो उन्हें ‘खदेड़’ दिया जाता है। पीड़ित तहसील के अधिकारियों से लेकर जिलाधिकारी तक के कार्यालय का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं। लेकिन, आज तक इन्हें कब्जा नहीं मिला है। कई लोग तो लड़ाई लड़ते -लड़ते स्वर्ग भी सिधार चुके हैं। ग्रामीण कहते हैं कि, कागज में ही भूमि देखकर संतोष कर लेते हैं।
जमीन का पर्चा है, लेकिन नहीं मिली जमीन
उक्त पीड़ितों का कहना है कि जमीन का पर्चा है, परंतु, उनको जमीन नहीं मिली है। दबंग जोत-बोकर खा रहे हैं। प्रशासन हम लोगों को जमीन पर दखल-कब्जा दिलाए। कहा कि जमीन पर जोतने जाते हैं, तो दबंग भगा देते हैं। कहते हैं- इसी जमीन में दफन कर देंगे। अधिकारियों और नेताओं से गुहार लगाकर थक चुके हैं। अब योगी सरकार से उम्मीद है, कि हमारी जमीन दबंगों से मुक्त कराएंगे।






