उत्तर प्रदेशकानपुरब्रेकिंग न्यूज़हेल्थ
कानपुर: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल आओ डेथ सर्टिफिकेट ले जाओ
हैलट अस्पताल की नर्स की लापरवाही ने ले ली ऑटो चालक की जान
जन एक्सप्रेस/कमलेश फाइटर
कानपुर नगर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार प्रदेश की जनता को किसी भी हद तक बेहतर से बेहतर सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुविधा देने के लिए संकल्पबद्ध हैं तो वहीं दूसरी ओर इन अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर वार्ड बॉय और सिस्टर नर्स यह सभी काम ही नहीं करना चाहते हैं सिर्फ और सिर्फ मुफ्त की तनख्वा लेना इनका पैसा बन चुका है। किसी से यह बात नहीं छुपी है कि सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर नर्स और वार्ड बॉय निजी अस्पतालों में जाकर चोरी चोरी चुपके से उत्तम स्वास्थ्य व्यवस्था देते हैं। कानपुर नगर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हैलट अस्पताल और उसकी इमरजेंसी के क्या कहने यहां पर मरीज आते तो ठीक होने हैं लेकिन अधिकतर मामलों में उनके परिजनों को डेथ सर्टिफिकेट थमा दिए जाते हैं। अक्सर यहां के डॉक्टरों और स्टाफ पर मरीजों के इलाज में लापरवाही का आरोप लगना आम बात हो गई है। कोई भी मरीज थोड़ा सा भी ज्यादा बोल गया तो यहां के डाक्टर और स्टाफ के लोग उसका पिछवाड़ा सूजा डालते हैं और मुकदमा भी लिखवा देते हैं। शुक्रवार को हैलट अस्पताल की एक नर्स पर ऑटो चालक को गलत इंजेक्शन लगा देने से मौत हो जाने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने जमकर हंगामा काटा है।
मिली जानकारी के अनुसार कन्नौज निवासी ब्रजेश कुमार जो आटो चलाता था। उसके परिवार में उसकी पत्नी सपना और दो बच्चे हैं। सपना ने जानकारी देते हुए बताया कि बीती एक मार्च को उसके पति सड़क के किनारे आटो लगाकर सवारियों को उतार रहे थे, तभी पीछे से एक बाइक सवार ने टक्कर मार दी और बाइक का पहिया उनके पैर पर चढ़ गया जिससे उसके पैर में फैक्चर हो गया। घायल अवस्था में उसके पति को देर रात हैलट अस्पताल लाया गया। उसे डाक्टरोंं ने वार्ड 17 के बेड संख्या 11 पर भर्ती कर उसका इलाज शुरू किया। सपना की मानें तो एक सप्ताह तक इलाज ठीक-ठाक चला
शुक्रवार को सिस्टर नर्स ने उसके पति बृजेश को गलत इंजेक्शन लगा दिया जिससे उसकी मौत हो गई।
क्या बोले प्राचार्य
इस मामले में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य संजय काला का कहना है कि जिस इंजेक्शन से बृजेश को लगाकर मौत होने की बात कही जा रही है यह इंजेक्शन उनके अस्पताल का है ही नही है। श्री काला की मानें तो उनके द्वारा जांच कराई जा रही है।
जिलाधिकारी भी पहुंचे थे मौके पर
बृजेश की मौत गलत इंजेक्शन लगा देने के कारण होने का आरोप लगाकर जब परिजनों ने हंगामा काटा तो इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ , जिसके बाद जनपद के जिलाधिकारी विशाख जी भी मौके पर परिजनों से मिलने हैलट अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने कार्यवाही करने का आश्वासन दे मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
कैसे पहुंचा गलत इंजेक्शन
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य संजय काला के उस दावे को अगर सच मान लिया जाए कि जिस इंजेक्शन के लगने से बृजेश की मौत हुई है तो सबसे बड़ा सवाल की इंजेक्शन आया कहां से और उसे बृजेश को लगाने वाली नर्स को क्या तनिक भी तमीज नहीं थी अथवा जिस नर्स के द्वारा बृजेश को इंजेक्शन लगाया गया है वह कार्य करने के लायक ही नहीं है। और अगर ऐसा है तो हैलट अस्पताल में अब गरीब मरीजों की जान सुरक्षित नहीं है।