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कांग्रेस के पुरखे भी आरक्षण विरोधी रहे : मायावती

जौनपुर । बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के चेले चपाटे कहते हैं कि हम आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं। हम संविधान के खिलाफ नहीं हैं। मायावती ने कहा कि इनके (कांग्रेस) पुरखे ने तो संविधान के खिलाफ जाकर काम किया। और आरक्षण का पूरा लाभ आप लोगों को नहीं दिया था। मायावती ने मंगलवार को जिले की दोनों लोकसभा सीटों को सवंसा गांव से जनसभा को संबोधित किया और पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में लोगों से मतदान की अपील की।

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी पार्टी अपने दम पर दमदारी से चुनाव लड़ रही है। हमारी ऐसी पार्टी है जो सर्वसमाज को भागीदारी देते हुए बनारस मंडल के सर्वसमाज को चुनाव लड़ने का मौका दिया है। आज इतनी भीड़ देखकर मुझे भरोसा हुआ है कि हम चुनाव जीत रहे हैं। विपक्षियों पर हमलावर होते हुए कहा कि कांग्रेस – भाजपा सहयोगी दल के बारे में कहना चाहूंगी कि आजादी के बाद शुरू से केंद्र व राज्य में भी ज्यादातर सत्ता कांग्रेस पार्टी के हाथों में केंद्रित रही है। अधिकांश मामले में रही गलत नीतियों एवं गलत कार्यप्रणाली की वजह से ही कांग्रेसे को सत्ता से बाहर होना पड़ा। यही स्थिति इनके सहयोगी पार्टीयों की रही है।

जब आजादी के बाद केंद्र व देश के ज्यादातर राज्यों में कांग्रेस पार्टी सत्ता में आयी तो उसकी पहली सरकार में डॉ. भीम राव आम्बेडकर लॉ मिनिस्टर थे। कांग्रेस के मुखिया ने पंडित जवाहर लाल नेहरू एन्ड कंपनी से यह कहा कि भारतीय संविधान में एससी, एसटी के लोगों को जो सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया जा रहा है उनका पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। इनको पूरा लाभ मिलना चाहिए। संविधान में आर्टिकल 340 की व्यवस्था है। अति पिछड़े लोगों को भी आरक्षण मिलना चाहिए। तमाम और भी बातें थीं जो कांग्रेस पार्टी ने डॉ. आम्बेडकर की बातों को नहीं माना। डॉ. साहब इन सभी बातों से दुखी होकर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

कांग्रेस के पुरखे भी आरक्षण विरोधी रहे

बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के चेले चपाटे कहते हैं कि हम आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं। हम संविधान के खिलाफ नहीं हैं। इनके पुरखे ने तो संविधान के खिलाफ जाकर काम किया। और आरक्षण का पूरा लाभ आप लोगों को नहीं दिया था।

कांग्रेस पार्टी के चेले चपाटे वोट के लिए आरक्षण को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कह रहे हैं। इस मामले में भाजपा भी पीछे नहीं है। सभी पार्टियों की नियत, सोच आरक्षण के खिलाफ है। इसी नाते मुझे बसपा पार्टी बनाने की जरूरत पड़ी। अगर कांग्रेस पार्टी ने शुरू में अपनी जिम्मेदारी निष्ठापूर्वक निभाया होता तो मुझे बसपा पार्टी बनाने की जरूरत नहीं पड़ती। इसकी वजह से ही फिर कई वर्षों से भाजपा व अन्य सहयोगी दल केंद्र व काफी राज्यों में सत्ता में काबिज हो गए है।

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