उत्तराखंड

कार्तिक पूर्णिमा पर उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब, गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

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हरिद्वार । शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा का स्नान पर्व पर देश के कई राज्यों से आए लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में डूबकी लगाकर पुण्य लाभ अर्जित किया। इस मौके पर हरिद्वार में गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर गंगा स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक दृष्टि से काफी महत्व है और इसे देव दीपावली के रूप में भी मनाया जाता है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कार्तिक पूर्णिमा पर तीर्थनगरी के आश्रम-अखाड़ों और मठ-मंदिरों में भी धार्मिक अनुष्ठान के आयोजन हुए।

कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर हरिद्वार में हरकी पैड़ी ब्रह्म कुण्ड समेत गंगा के तमाम घाटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद पूजा-अर्चना की ओर मंदिरों में जाकर देवदर्शन कर सुख-सर्मृिद्ध की कामना की। लोगों ने दान आदि कर्म भी किए। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान और पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सारे मनोरथ पूरे होते हैं। पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक पौराणिक मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा में देव दीपावली के दिन देवता भी मानव के रूप में आकर गंगा स्नान करते हैं।

मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन जो व्यक्ति गंगा स्नान और दीपदान करता है, वह देवताओं के समान हो जाता है। साथ ही व्यक्ति के यश व समृद्धि बढ़ती है। माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने और तुलसी पत्र, चांदी पात्र दान करने मात्र से ही अनन्त पुण्य लाभ मिलता है। आज के ही दिन भगवान कार्तिकेय ने राक्षसों को हराने के बाद अपनी विजय पताका फहरायी थी।

बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर दीपदान करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं और जो व्यक्ति स्नान के बाद दीपदान करता है उसे अश्वमेध यज्ञ के समान फल मिलता है और जीवन में चंद्रमा आधारित किसी भी प्रकार का कष्ट चल रहा हो उनसे भी मुक्ति प्राप्त मिलती है।

कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर लाखों की संख्या में आए श्रद्धालुओं के चलते सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रही। भीड़ के कारण सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए। अभी तक करीब आठ लाख लोग गंगा में पुण्य की डूबकी लगा चुके हैं। स्नान का क्रम जारी है।

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