
जन एक्सप्रेस श्रीनगर:हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय में भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (IISF)–2025 के कर्टेन रेज़र कार्यक्रम का भव्य एवं सफल आयोजन आज उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। इस वर्ष की थीम “विज्ञान से समृद्धि : आत्मनिर्भर भारत हेतु” पर केंद्रित यह कार्यक्रम राष्ट्रीय प्रगति में विज्ञान, नवाचार एवं शोध की अनिवार्य भूमिका को रेखांकित करता है।कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई, जिसके पश्चात दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ समारोह का औपचारिक शुभारंभ किया गया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर हेमवंती नंदन, निदेशक—रिसर्च डेवलपमेंट सेल (RDC) एवं विभागाध्यक्ष—भौतिकी विभाग, सहित विशिष्ट शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों एवं शोधकर्ताओं की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष महत्व प्रदान किया।समारोह में डॉ. विनीत कुमार मौर्य, डॉ. रवीन्द्र कुमार, डॉ. लोकेश जोशी, डॉ. आलोक सागर गौतम, डॉ. सुधांशु जायसवाल, डॉ. साकेत कुमार भारद्वाज, डॉ. हर्षवंधनी शर्मा और डॉ. भास्करन का पुष्पगुच्छ एवं स्मृति-चिह्न भेंट कर हृदयपूर्वक स्वागत एवं सम्मान किया गया।कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. आलोक सागर गौतम ने IISF—2025 की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह महोत्सव न केवल वैज्ञानिकों, शोधार्थियों और शिक्षाविदों के लिए, बल्कि युवा प्रतिभाओं और विद्यार्थियों के लिए भी एक विशाल मंच प्रदान करेगा, जिससे अकादमिक संवाद एवं नवाचार को नई ऊर्जा मिलेगी।मुख्य अतिथि प्रोफेसर हेमवंती नंदन ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि विज्ञान को प्रयोगशाला तक सीमित न रखकर समाज और राष्ट्र के समग्र विकास का माध्यम बनाना ही IISF का प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने युवाओं को अनुसंधान, नवाचार और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए भारत को वैश्विक वैज्ञानिक मंच पर अग्रणी राष्ट्र के रूप में स्थापित करने का आह्वान किया।इसके उपरांत डॉ. रवीन्द्र कुमार, सहायक प्रोफेसर, रसायन विभाग—गुरुकुल कांगड़ी, हरिद्वार ने चंडीगढ़ में आयोजित होने वाले आगामी ‘भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव’ में अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं की सहभागिता पर बल दिया। डॉ. लोकेश कुमार जोशी, सहायक प्रोफेसर—इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संकाय, गुरुकुल कांगड़ी ने पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों के लिए इस महोत्सव में उपलब्ध शैक्षणिक एवं पेशेवर अवसरों को रेखांकित करते हुए उन्हें सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित किया।कार्यक्रम के समापन पर डॉ. सुधांशु जायसवाल, विभागाध्यक्ष- पत्रकारिता एवं जनसंचार, ने विश्वविद्यालय प्रशासन, अतिथियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं आयोजन टीम के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। यह कर्टेन रेज़र कार्यक्रम IISF—2025 के लिए एक महत्त्वपूर्ण और प्रेरणादायक शुरुआत साबित हुआ, जिसने यह संदेश स्पष्ट किया कि विज्ञान और नवाचार ही आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की सशक्त धुरी हैं।






