पुलिस थाने के सामने से चल रहे डग्गामार वाहन, परिवहन विभाग को हो रहा राजस्व का नुकसान
मुसीबत बन गए डग्गामार वाहनों पर कब कसेगा शिकंजा?
जन एक्सप्रेस/अशोक उपाध्याय
बहराइच। रुपईडीहा कस्बे में सीमा से पहले करीब 50 मीटर की दूरी से अवैध डग्गामार वाहन संचालित हो रहे हैं। डग्गामार वाहन संचालक मुख्य मार्ग पर थाने के सामने से ही प्रलोभन देकर सवारिया बिठाते हैं। बेखौफ डग्गामार वाहन संचालक नेपाल से आने वाले यात्रियों को रास्ते में रोककर उन्हें विभिन्न स्थानों की यात्रा कम किराए में कराने का आश्वासन देते हैं। बाद में इन यात्रियों से कुछ दूरी तय करने के बाद अधिक किराया वसूल करते हैं। डग्गामार वाहन संचालकों की ओर से यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार भी किया जाता है। यहां तक कि यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय बस स्टेशन तक जाने ही नहीं दिया जाता जिससे वह कम किराए में बेहतर यात्रा कर सकें। डग्गामार वाहन संचालक के दुर्व्यवहार का असर भारत नेपाल के संबंधों पर भी पड़ रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को प्रतिमाह राजस्व का घाटा हो रहा है।
कस्बे में भारत नेपाल सीमा पर स्थित एसएसबी कैंप से पहले और पुलिस थाना के सामने सुबह होते ही दर्जनभर डग्गामार वाहन मुख्य मार्ग पर खड़े हो जाते हैं। यह डग्गामार वहां संचालक नेपाल से आने वाले यात्रियों को रास्ते में ही रोक लेते हैं। इन यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय बस स्टेशन तक पहुंचने ही नहीं देते। जैसे कि यात्री कम किराए में भारत के विभिन्न महानगरों तक की यात्रा आसानी से कर सकें।
अवैध डग्गामार वाहन संचालकों की सांठगांठ नेपाल के दुर्गम इलाकों से सवारियां लेकर सीमा तक आने वाले वाहन चालक और परिचालक से भी रहती है। अवैध वाहन संचालकों का एक बड़ा नेटवर्क है। उनके कारिंदे सरहदी इलाके में नियमित भ्रमण करते रहते हैं। जैसे ही नेपाल क्षेत्र में कोई सवारी वाहन पहुंचता है। यात्रियों के उतरते ही उनसे भारत के विभिन्न इलाकों में जाने की जानकारी हासिल करने के बाद कम किराए में उन स्थानों तक की यात्रा कराने का प्रलोभन देते हैं। इसके बाद इन यात्रियों को बहला-फुसलाकर भारतीय इलाके में खड़े अपने डग्गामार वाहन तक लाकर उसे बिठा लेते हैं। डग्गामार वाहन सवारियां भरने के बाद कस्बे से रवाना हो जाते हैं। जब यह वाहन चालक यात्रियों को लेकर काफी दूरी तय करने के बाद साधन विहीन इलाकों में पहुंचते हैं। वहां पर वाहनों के चालक यात्रियों से 3 गुना तक किराया वसूलते हैं।
किराया अदा करने पर यात्रियों के साथ दुर्व्यवहार भी करते हैं। कभी-कभी तो यात्रा कर रहे यात्री भूखे ही अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए मजबूर किए जाते हैं। जिसकी वजह से भारत नेपाल के संबंधों में भी खटास पैदा हो रही है। यह यात्री वापस अपने वतन लौटने पर अपने साथ रास्ते में हुए दुर्व्यवहार की लोगों से चर्चा करते हैं। जिस कारण नेपाल के लोगों में दुर्भावना पनप रही है। कस्बे में आम चर्चा है कि डग्गामार वाहन पुलिस के संरक्षण में चल रहे हैं। जिससे इस पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। पुलिसकर्मी न तो इनकी परमिट की जांच करते हैं और न ही अवैध तरीके से रोड पर वाहन खड़े करने के मामले में कार्यवाही करते हैं। जबकि इन अवैध वाहनों के मार्ग पर खड़ा होने के कारण जान की शिकायत भी उत्पन्न होती है।
परिवहन निगम को लगता है राजस्व घाटा
रुपईडीहा कस्बे से अवैध तरीके से संचालित डग्गामार वाहन और उनके कारिंदे अंतरराष्ट्रीय बस स्टेशन से पहले ही यात्रियों को रोक लेते हैं। उन्हें अपने जाल में फंसा कर वाहनों पर बैठा देते हैं। यात्रियों को किसी भी हाल में बस स्टेशन तक जाने नहीं देते। जिस कारण यह यात्री डग्गामार वाहन संचालकों की गिरफ्त में आकर मजबूरन यात्रा करते हैं।
रुपईडीहा को मिला है अंतरराष्ट्रीय बस स्टेशन का दर्जा
सरकार ने दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध बनाने और सुगम आवागमन के लिए कुछ माह पहले ही रुपईडीहा रोडवेज बस स्टेशन को अंतर्राष्ट्रीय बस स्टेशन का दर्जा दिया था। परिवहन निगम की ओर से वाहनों के रूट समय और किराया निर्धारित है। जिसका यात्रियों को लाभ मिलेगा। वही सरकार की मंशा थी कि नेपाल के यात्री आसानी से अपने गंतव्य स्थान तक का सफर तय कर सकेंगे और परिवहन निगम को बेहतर राजस्व मिलेगा। लेकिन डग्गामार वाहनों के संचालन से परिवहन निगम को घाटे का सामना करना पड़ रहा है।
रोडवेज कर्मचारी यूनियन के क्षेत्रीय मंत्री रविंद्र कुमार ने कहा कि डग्गामार वाहन चालकों की वजह से रोडवेज प्रशासन की आय पर फर्क पड़ा है। अगर डग्गामार वाहन चालकों से कुछ कहें तो वे मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। बस डिपो के आर के तिवारी बताते हैं कि डग्गामार वाहन बड़ी समस्या बन गए हैं उच्च अधिकारियों को लिखित में अवगत कराया गया। लेकिन डग्गामार वाहन के संचालन पर अंकुश नहीं लग पाया।
बिना परमिट संचालित हैं कई वाहन
रुपईडीहा कस्बे से देश के विभिन्न स्थानों के लिए संचालित कई डग्गामार वाहन चालकों के पास परमिट भी नहीं है इसके बावजूद वह विभिन्न रोड पर सवारियों को लादकर फर्राटा भर रहे हैं। लेकिन पुलिस और परिवहन विभाग इन पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है।