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जानबूझकर महबूबा मुफ्ती के बगल में बैठा

मुंबई। पटना में विपक्षी दलों की बैठक में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के बगल में बैठने को लेकर भाजपा के निशाने पर आए शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया। पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ठाकरे ने दावा किया कि महबूबा ने उन्हें बताया कि पीडीपी के साथ भाजपा का गठबंधन इस शर्त पर था कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को नहीं हटाया जाएगा। ठाकरे ने शुक्रवार को पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक को इनके ‘‘अपने राजनीतिक परिवारों और वंश को बचाने’’ का प्रयास बताए जाने संबंधी महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान की आलोचना की।

ठाकरे ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता को इतना नीचे नहीं गिरना चाहिए। ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं जानबूझकर उनके बगल में बैठा था।’’ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधते हुए, फडणवीस ने शुक्रवार को कहा था कि विपक्षी दलों की बैठक केंद्र में नरेन्द्र मोदी नीत सरकार को हटाने के लिए नहीं, बल्कि वंशवादी राजनीति को बचाने के लिए थी। फडणवीस ने कहा, ‘‘कश्मीर में (पीडीपी नेता) महबूबा मुफ्ती के साथ गठबंधन करने पर उद्धव ठाकरे हमारी आलोचना करते थे। अब वह (ठाकरे) महबूबा मुफ्ती के बगल में बैठे और गठजोड़ करने की बात कर रहे हैं।’’ इस पर ठाकरे ने पलटवार करते हुए कहा, ‘‘जो लोग आपके साथ हैं, वे पाक-साफ हैं। आप जब महबूबा के साथ गए, तब आपने (भाजपा के) हिंदुत्व छोड़ दिया। हम आपके नकली हिंदुत्व का बुर्का फाड़ देंगे।’’

ठाकरे ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा नेताओं के साथ महबूबा की तस्वीरें लहराईं और कहा कि उनकी पार्टी ने हिंदुत्व को नहीं छोड़ा है। फडणवीस पर पलटवार करते हुए ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं अपने परिवार को लेकर बहुत संवेदनशील हूं। इतना नीचे नहीं गिरें। आपका भी एक परिवार है और आपके परिवार के बारे में ‘व्हाट्सएप चैट’ सामने आई है। हमने इसके बारे में बात करना शुरू नहीं किया है क्योंकि अगर उनके (फडणवीस) परिवार के बारे में बात करनी है, तो उन्हें (फडणवीस को) ‘शवासन’ करना पड़ेगा।’’ ठाकरे फडणवीस की पत्नी अमृता तथा संदिग्ध सट्टेबाज अनिल जयसिंघानी और उनकी बेटी अनिक्षा के बीच व्हाट्सऐप पर हुई बातचीत का परोक्ष रूप से जिक्र कर रहे थे। यह बातचीत रिश्वत मांगने और अमृता फडणवीस से जबरन वसूली की कोशिश से संबंधित जयसिंघानी, अनिक्षा और उनके चचेरे भाई निर्मल के खिलाफ आरोपपत्र का हिस्सा हैं।

आरोपपत्र में अमृता और जयसिंघानी-अनिक्षा के बीच व्हाट्सऐप पर हुई बातचीतऔर संदेशों के कई स्क्रीनशॉट शामिल हैं। ठाकरे पर पलटवार करते हुए फडणवीस ने कहा कि वह, उनका परिवार और भाजपा एक खुली किताब की तरह हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी ठाकरे पर निशाना साधा। शिंदे ने कहा कि पटना में बैठक के बाद, ठाकरे के खिलाफ शिवसेना विधायकों का विद्रोह सही साबित हो गया है। शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में हुई बगावत से पिछले साल ठाकरे के नेतृत्व वाली तीन दलों की महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी। शिंदे ने ठाकरे पर हिंदुत्व छोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, पीडीपी और जनता दल (यूनाइटेड) के साथ बैठे, जिनकी शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने कटु आलोचना की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्हीं लोगों ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण, अनुच्छेद 370 को हटाने और हिंदुत्व का विरोध किया। शिंदे ने कहा कि विपक्षी दलों का एक साथ आना प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की जीत है। इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फडणवीस का समर्थन करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि परिवार के सदस्यों को राजनीति में घसीटा जा रहा है। शिंदे ने उद्धव ठाकरे को कृतघ्न करार देते हुए कहा कि फडणवीस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोनों ने अतीत में ठाकरे की मदद की थी।

शिंदे ने एक ट्वीट में कहा कि पटना में विपक्ष की बैठक के बाद उनका और 39 अन्य शिवसेना विधायकों का पिछले साल ठाकरे के खिलाफ विद्रोह सही साबित हुआ। शिंदे ने ठाकरे पर हिंदुत्व छोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और जनता दल यूनाइटेड की लीग में शामिल हो गए हैं, जिनकी शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे ने कड़ी आलोचना की थी।

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