UPPSC अध्यक्ष को हटाने की मांग, छात्र बोले- उनकी मौजूदगी से निष्पक्ष जांच संभव नहीं

जन एक्सप्रेस। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत को पद से हटाने की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने राज्यपाल को पत्र लिखा है। राज्यपाल से मांग की है कि आयोग अध्यक्ष को हटाने के लिए राष्ट्रपति से सिफारिश करें। समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने राज्यपाल को भेजे पत्र में आरोप लगाया गया है कि पीसीएस जे 2022 भर्ती परीक्षा की जांच जिस प्रकार उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायधीश से कराई जा रहा है और पूरी प्रक्रिया में व्यापक भ्रष्टाचार के साक्ष्य मिल रहे हैं ऐसे में आयोग अध्यक्ष को अपने पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा इतने बड़े पैमाने पर धांधली पकड़ी गई है, ऐसे में अध्यक्ष की भूमिका खुद संदेह के घेरे में है। इनके पद पर रहते हुए निष्पक्ष जांच संभव नहीं है। आयोग के 87 वर्ष के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि उच्च न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा और जांच कमेटी गठित करनी पड़ी।
पेपर आउट होने के मामले में भी उठे सवाल
आरोप यह भी है कि समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा 2023 का पेपर आउट होने के मामले में भी उन पर सवाल उठे थे। छात्रों के आंदोलन और सरकारी हस्तक्षेप के बाद परीक्षा रद्द हुई थी, जिसकी जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी। इस मामले में अब तक दो दर्जन से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। आयोग के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसी भर्ती प्रक्रिया में हाई कोर्ट को जांच कमेटी गठित करनी पड़ी। ऐसे में निष्पक्ष जांच के लिए उनका हटाया जाना जरूरी है।
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