लुधियाना की जीत से साफ हुआ ‘राज्यसभा’ का रास्ता? केजरीवाल को लेकर चर्चाएं तेज
संजीव अरोड़ा की खाली सीट पर जा सकते हैं केजरीवाल, पंजाब कैबिनेट में भी बदलाव तय

जन एक्सप्रेस चंडीगढ़/नई दिल्ली: लुधियाना पश्चिम उपचुनाव में आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत ने पार्टी को न सिर्फ नैतिक बल दिया है, बल्कि सियासी समीकरणों को भी तेजी से बदल दिया है। अब यह चर्चा जोरों पर है कि आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल जल्द ही राज्यसभा के रास्ते संसद में एंट्री कर सकते हैं।राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा की विधानसभा चुनाव जीत से एक सीट खाली हो गई है, जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हैं कि केजरीवाल को इसी सीट से उच्च सदन भेजा जा सकता है।
दिल्ली हार के बाद संसद की तरफ नजरें?”
दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से ही ये अटकलें चल रही थीं कि केजरीवाल अब राज्यसभा के ज़रिए संसद में प्रवेश कर सकते हैं। पार्टी ने संजीव अरोड़ा को लुधियाना पश्चिम से मैदान में उतारा, जो जीतकर विधानसभा पहुंचे।
अब जब अरोड़ा की राज्यसभा सीट खाली हुई है, तो इस पर खुद केजरीवाल का नाम सबसे ऊपर माना जा रहा है।
कैबिनेट में भी बदलाव तय, किसी मंत्री की छुट्टी संभव
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले ही कैबिनेट विस्तार और बदलाव की बात कर चुके हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक,एक मंत्री की छुट्टी की संभावना है कुछ विभागों में फेरबदल भी किया जा सकता है संजीव अरोड़ा को कैबिनेट में जगह मिलना तय माना जा रहा है
लुधियाना पश्चिम: सेमीफाइनल में AAP का धमाका
इस सीट को 2027 विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा था, जहां आप ने कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल — तीनों को पीछे छोड़कर बड़ी जीत दर्ज की है।
कांग्रेस के भारत भूषण आशु दूसरे नंबर पर
भाजपा तीसरे और अकाली दल चौथे पायदान पर रहा
व्यापारी वर्ग की सीट मानी जाने वाली इस सीट पर AAP का जीतना बड़े राजनीतिक संकेत देता है
केजरीवाल का बयान — “जनता ने ईमानदार राजनीति को वोट दिया”
जीत के बाद केजरीवाल ने कहा कि जनता ने भ्रष्टाचार के खिलाफ और ईमानदार राजनीति के पक्ष में वोट दिया है। उन्होंने ये भी दोहराया कि पंजाब में नई ऊर्जा के साथ सरकार का काम और मजबूत होगा।
क्या भाजपा-कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी?
लुधियाना जैसी शहरी, व्यवसायिक सीट पर AAP की जीत से साफ है कि कांग्रेस और भाजपा की पारंपरिक पकड़ अब कमजोर हो रही है। दिल्ली में मिली हार के बाद केजरीवाल ने पंजाब में खुद को फिर से खड़ा किया है — और अब यदि वे राज्यसभा से संसद पहुंचते हैं, तो 2029 की बड़ी लड़ाई की बुनियाद पंजाब से ही पड़ सकती है।






